8th Pay Commission News – सरकारी नौकरी करने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी है। केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को हरी झंडी दे दी है और इसके लागू होने के बाद कर्मचारियों की जेब में मोटा पैसा आने वाला है। खास बात यह है कि इस बार सिर्फ सैलरी ही नहीं, बल्कि HRA यानी हाउस रेंट अलाउंस (मकान किराया भत्ता) में भी जोरदार बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
अब सवाल उठता है कि आखिर ये HRA क्या होता है, इसमें कितनी बढ़ोतरी होगी और कौन-कौन कर्मचारी इसका फायदा उठा सकेंगे? चलिए, पूरे मामले को समझते हैं आसान भाषा में।
2026 में लागू होगा 8वां वेतन आयोग
केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया है कि 8वां वेतन आयोग साल 2026 से लागू होगा। यानी दो साल बाद सभी केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को नए वेतनमान के अनुसार पैसा मिलना शुरू हो जाएगा। सरकार का कहना है कि वह इसे समय पर लागू करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
किसे मिलेगा फायदा?
अब आप सोच रहे होंगे कि इसका फायदा किन्हें मिलेगा? तो सीधा जवाब है – 50 लाख से ज्यादा केंद्र सरकार के कर्मचारी और करीब 65 लाख पेंशनधारी। कुल मिलाकर एक करोड़ से ज्यादा परिवारों की आमदनी बढ़ेगी और जीवन स्तर में सुधार आएगा।
HRA क्यों है इतना जरूरी?
मकान का किराया आजकल हर किसी की जेब पर भारी पड़ता है, खासकर मेट्रो शहरों में। ऐसे में HRA यानी हाउस रेंट अलाउंस एक बड़ा सहारा होता है। 7वें वेतन आयोग में भी HRA को X, Y और Z शहरों के अनुसार बांटा गया था, और अब 8वें वेतन आयोग में इसमें और ज्यादा फायदा मिलने की उम्मीद है।
X, Y और Z शहर क्या होते हैं?
सरकार ने शहरों को तीन कैटेगरी में बांटा है:
- X श्रेणी: मेट्रो शहर जैसे दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु
- Y श्रेणी: मझोले शहर जैसे पटना, जयपुर, लखनऊ
- Z श्रेणी: छोटे शहर और कस्बे
7वें वेतन आयोग में इन श्रेणियों के आधार पर HRA की दरें थीं 24%, 16% और 8%। जब DA यानी महंगाई भत्ता 25% के पार गया तो ये दरें बढ़कर क्रमशः 27%, 18% और 9% हो गईं। अब चूंकि DA 56% पहुंच चुका है, तो HRA की दरें 30%, 20% और 10% हो चुकी हैं।
8वें वेतन आयोग में HRA कितना बढ़ेगा?
अगर बात करें नए फिटमेंट फैक्टर की, तो एक्सपर्ट्स का मानना है कि इसे 2.86 तक बढ़ाया जा सकता है। इससे न्यूनतम बेसिक सैलरी 18,000 से बढ़कर सीधे 51,480 रुपये तक जा सकती है। अब इसी बेसिक सैलरी पर HRA जोड़ा जाएगा, तो सोचिए फायदा कितना बड़ा होगा।
X श्रेणी (30% HRA) = ₹15,444
Y श्रेणी (20% HRA) = ₹10,296
Z श्रेणी (10% HRA) = ₹5,148
यानि जहां पहले HRA कुछ हजार रुपये में सिमटा होता था, अब ये सीधे 15 हजार तक पहुंच सकता है। इतना HRA मिलने पर तो किराया भी आराम से निकल जाएगा और कुछ बचत भी हो सकती है।
बाकी भत्तों में भी हो सकती है बढ़ोतरी
सिर्फ HRA ही नहीं, बल्कि TA (यात्रा भत्ता), मेडिकल भत्ता, बच्चों की शिक्षा भत्ता आदि में भी बढ़ोतरी की उम्मीद है। कर्मचारी संगठनों ने सरकार से मांग की है कि इन सभी भत्तों पर दोबारा विचार किया जाए ताकि महंगाई से राहत मिल सके।
क्या कहते हैं कर्मचारी संगठन?
कर्मचारी यूनियन का कहना है कि सरकार को फिटमेंट फैक्टर को कम से कम 3.68 तक ले जाना चाहिए, जिससे न्यूनतम सैलरी करीब 26,000 से ज्यादा हो जाए। हालांकि अभी तक यह तय नहीं है कि सरकार किस आंकड़े को मंजूरी देगी, लेकिन 2.86 का आंकड़ा लगभग तय माना जा रहा है।
इससे क्या होगा फायदा?
- महंगाई से राहत: सैलरी और भत्तों में बढ़ोतरी से रोजमर्रा की चीजों का खर्च आसानी से उठेगा।
- रहने की सुविधा: HRA बढ़ने से किराये का बोझ कम होगा।
- बचत और निवेश: अधिक पैसा मिलने से कर्मचारी निवेश की तरफ बढ़ेंगे।
- अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा: जब लोगों के पास ज्यादा पैसा होगा तो बाजार में खर्च बढ़ेगा और आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी।
अगर आप भी सरकारी नौकरी में हैं या पेंशनर हैं तो 2026 का इंतजार जरूर कीजिए। 8वां वेतन आयोग न सिर्फ आपकी सैलरी में बढ़ोतरी लाएगा, बल्कि HRA, TA और अन्य भत्तों के जरिए भी आपकी आमदनी को चार गुना तक बढ़ा सकता है।