SCSS Interest Rate – आज के समय में जब महंगाई की रफ्तार दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है, ऐसे में बुजुर्गों के लिए एक ऐसा निवेश विकल्प मिलना जो सुरक्षित भी हो और अच्छा रिटर्न भी दे – किसी वरदान से कम नहीं है। इसी कड़ी में Senior Citizens Savings Scheme (SCSS) फिर से चर्चा में है। सरकार ने इस स्कीम के रिटर्न को इतना बढ़ा दिया है कि अब इसमें निवेश करने पर 11.68% तक का फायदा मिल सकता है। आइए अब इसे थोड़ा आराम से और सीधे-सादे अंदाज़ में समझते हैं।
SCSS आखिर है क्या?
SCSS भारत सरकार की एक स्पेशल सेविंग स्कीम है, जो 60 साल से ऊपर के लोगों के लिए बनाई गई है। अगर आप रिटायर हो चुके हैं और चाहते हैं कि आपकी जमा पूंजी से हर कुछ महीने में एक अच्छा ब्याज आता रहे, तो यह स्कीम बिलकुल फिट बैठती है। पोस्ट ऑफिस और कुछ चुनिंदा बैंकों में जाकर इसका खाता खुलवाया जा सकता है।
क्या है नया ब्याज दर?
सरकार ने SCSS का रेट हाल ही में बढ़ाकर 8.5% तक कर दिया है। और अगर आप बोनस स्कीम्स या कुछ इंस्टिट्यूट्स के प्रमोशनल ऑफर्स को जोड़ें तो यह प्रभावी रिटर्न 11.68% तक पहुंच सकता है। इसमें तिमाही यानी हर तीन महीने में ब्याज आपके खाते में आता है। स्कीम की मियाद 5 साल की होती है, जिसे चाहें तो 3 साल और बढ़ाया जा सकता है।
SCSS में पैसे लगाने के क्या फायदे हैं?
सबसे बड़ा फायदा है – सिक्योरिटी। सरकार की गारंटी के साथ मिलने वाला रिटर्न हमेशा सेफ माना जाता है। इसके अलावा हर तिमाही पैसा आता रहेगा जिससे बुजुर्ग अपनी जरूरतें आराम से पूरी कर सकते हैं। साथ ही, टैक्स सेविंग का भी फायदा मिलता है – सेक्शन 80C के तहत। और अगर जरूरत पड़ी तो समय से पहले पैसे निकालने का विकल्प भी मौजूद है।
कुछ जरूरी नियम और शर्तें भी जान लीजिए
SCSS में आप कम से कम ₹1,000 लगा सकते हैं और अधिकतम ₹30 लाख (संयुक्त खाते में भी)। हर तीन महीने में ब्याज खाते में आएगा। अगर आपको पैसे की जरूरत पड़ जाए तो एक साल के बाद अकाउंट बंद कराया जा सकता है लेकिन हल्का-सा पेनाल्टी लगेगा। उम्र की बात करें तो 60 साल से ऊपर के सभी लोग (और कुछ मामलों में 55 साल के सेवानिवृत्त भी) इसमें निवेश कर सकते हैं।
कैसे खोलें SCSS खाता?
आप अपने नजदीकी पोस्ट ऑफिस या बैंक में जाएं और SCSS फॉर्म A भरें। साथ में पैन कार्ड, आधार कार्ड, दो पासपोर्ट साइज फोटो और उम्र का प्रमाण भी ले जाएं। पैसे के तौर पर चेक या ड्राफ्ट से पेमेंट करें। जब खाता खुल जाएगा तो आपको पासबुक मिल जाएगी जिसमें हर लेनदेन और ब्याज की डिटेल रहेगी।
निवेश करते समय कुछ बातों का रखें ध्यान
अगर आप पूरी रकम ₹30 लाख तक निवेश करना चाहते हैं तो ये लिमिट याद रखें। समय से पहले अकाउंट बंद करवाने पर पेनाल्टी लगती है, इसलिए पहले से सोच समझ लें। ब्याज दर समय-समय पर बदलती है, तो अपडेट रहना ज़रूरी है। और हां – नामिनी जरूर जोड़ें, ताकि भविष्य में कोई दिक्कत न आए।
बाकी स्कीम्स के मुकाबले क्यों है SCSS बेहतर?
SCSS में जहां 8.5% से 11.68% तक का रिटर्न मिल रहा है, वहीं FD आमतौर पर 6-7.5% तक देती है। PPF भी 7.1% तक है। म्यूचुअल फंड ज़रूर 10%+ दे सकते हैं, लेकिन रिस्क बहुत ज्यादा होता है। इसलिए सुरक्षित और भरोसेमंद विकल्प के तौर पर SCSS की बराबरी मुश्किल है।
कौन लोग जरूर करें इसमें निवेश?
अगर आप रिटायर हो चुके हैं, सुरक्षित रिटर्न चाहते हैं, टैक्स सेविंग का फायदा उठाना चाहते हैं या आपकी मासिक ज़रूरतें ब्याज से ही पूरी हो जाती हैं – तो SCSS आपके लिए परफेक्ट है।
सीनियर सिटिजन सेविंग्स स्कीम आज के समय में हर बुजुर्ग के लिए एक मजबूत फाइनेंशियल सहारा बन गई है। 11.68% तक का रिटर्न, सरकार की गारंटी और टैक्स छूट – इससे बढ़िया क्या चाहिए? अगर आपके घर में कोई सीनियर सिटिजन है या आप खुद निवेश का सोच रहे हैं, तो यह मौका हाथ से न जाने दें।
Disclaimer: यह लेख केवल सामान्य जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है। स्कीम से जुड़ी ब्याज दरें, नियम और ऑफर समय के साथ बदल सकते हैं। निवेश करने से पहले किसी प्रमाणित वित्तीय सलाहकार या संबंधित पोस्ट ऑफिस/बैंक से जानकारी जरूर लें। अधिकृत जानकारी के लिए India Post या SCSS संबंधित बैंक की वेबसाइट पर विजिट करें।