FD investment – अगर आप भी पैसों को कहीं सुरक्षित और बिना रिस्क के निवेश करने की सोच रहे हैं, तो फिक्स्ड डिपॉजिट यानी FD एक बेहतरीन ऑप्शन है। आजकल FD को सबसे सेफ और गारंटीड रिटर्न वाला इन्वेस्टमेंट माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर आप एक ही बैंक में नहीं, बल्कि अलग-अलग बैंकों में FD करते हैं, तो आपको इसके ज्यादा फायदे मिल सकते हैं?
आइए जानते हैं क्यों अलग-अलग बैंकों में FD करना एक स्मार्ट चाल हो सकती है।
1. FD में निवेश का स्मार्ट तरीका
कई लोग FD एक ही बैंक में करा लेते हैं, लेकिन अगर आप इसे थोड़ा प्लानिंग के साथ करें तो और भी बेहतर रिटर्न पा सकते हैं। मान लीजिए आपके पास ₹4 लाख हैं तो आप इसे एक ही FD में लगाने के बजाय, चार अलग-अलग बैंकों में ₹1-1 लाख की FD अलग-अलग अवधि (1 साल, 2 साल, 3 साल, और 4 साल) के लिए करा सकते हैं।
फायदा क्या होगा?
हर साल एक FD मैच्योर होगी, और आप उस पैसे को फिर से 4 साल की नई FD में लगा सकते हैं। इससे आपको हर साल नकदी भी मिलती रहेगी और आप बैंक के अलग-अलग ब्याज दरों का फायदा भी उठा पाएंगे। क्योंकि हर बैंक की FD रेट्स अलग-अलग होती हैं, तो किसी बैंक से ज्यादा ब्याज भी मिल सकता है।
2. FD की सही अवधि कैसे चुनें?
FD में पैसा लगाने से पहले ये सोचना बहुत जरूरी है कि आपको वो पैसा कितने साल बाद चाहिए। मान लीजिए आपको 3 साल बाद कोई बड़ा खर्च करना है, तो उसी हिसाब से FD की अवधि तय करें। अगर आप जरूरत से ज्यादा लंबी अवधि की FD करा लेते हैं और बीच में पैसे निकालने पड़ें, तो बैंक आपको कम ब्याज देगा और पेनल्टी भी कटेगी। इसलिए अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग के हिसाब से FD की टेन्योर चुनें।
3. टैक्स और रिटर्न का खेल समझें
FD से जो ब्याज मिलता है, वो आपकी आमदनी में जुड़ता है। अगर एक साल में ₹10,000 से ज्यादा ब्याज बनता है तो बैंक TDS काट लेता है। लेकिन अगर आपकी सालाना इनकम टैक्स स्लैब में नहीं आती, तो आप ITR भरकर TDS का रिफंड क्लेम कर सकते हैं। इसीलिए हर FD का ब्याज ट्रैक करें और सही वक्त पर ITR फाइल करें। वरना आपकी कमाई का एक हिस्सा यूं ही फंस सकता है।
4. FD में कितना पैसा सेफ होता है?
मान लीजिए आपने किसी बैंक में FD कराई है और उस बैंक पर अचानक ताला लग जाए… डरावना लगता है ना? लेकिन घबराइए मत, RBI की DICGC स्कीम के तहत हर बैंक डिपॉजिट (FD, सेविंग अकाउंट, RD वगैरह) पर ₹5 लाख तक की गारंटी मिलती है। यानी अगर बैंक डूब भी गया, तो भी आपको ₹5 लाख तक वापस मिलेगा।
अगर आपका निवेश ₹20 लाख तक का है, तो ये रकम 4 अलग-अलग बैंकों में बांटकर रखें – इससे आपकी पूरी राशि ज्यादा सेफ रहेगी।
बैंक या NBFC – कहां कराएं FD?
आजकल FD सिर्फ बैंकों में ही नहीं, बल्कि कई NBFC यानी नॉन-बैंकिंग कंपनियों में भी कराई जा सकती है। बैंक FD में आपको गारंटीड रिटर्न मिलते हैं, जबकि कॉरपोरेट या NBFC FD में थोड़ा रिस्क होता है, लेकिन ब्याज ज्यादा भी मिल सकता है। अगर आप रिस्क लेने के लिए तैयार हैं और कंपनी भरोसेमंद है, तो कॉरपोरेट FD एक ऑप्शन हो सकता है।
नतीजा
अगर FD करना है तो आंख मूंदकर एक ही बैंक में पैसे डालने से अच्छा है थोड़ा सोच-समझकर और प्लानिंग के साथ निवेश करें। अलग-अलग बैंकों में FD कराने से न सिर्फ आपका पैसा ज्यादा सुरक्षित रहेगा, बल्कि रिटर्न भी बेहतर मिलेगा। साथ ही, टैक्स और FD की अवधि जैसी चीजों का भी ध्यान रखें ताकि फालतू नुकसान से बचा जा सके।
डिस्क्लेमर:
यह लेख केवल जानकारी और एजुकेशनल मकसद से लिखा गया है। निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर या बैंक से सलाह जरूर लें। FD की ब्याज दरें, शर्तें और नीतियाँ समय-समय पर बदलती रहती हैं। सही जानकारी के लिए संबंधित बैंक की वेबसाइट या ब्रांच में संपर्क करें।