अब लोन लेना हुआ और आसान! RBI ने बदले नियम, इस अमाउंट तक नहीं लगेगा कोई चार्ज RBI New Rules

By Prerna Gupta

Published On:

RBI New Rules – अगर आप कभी बैंक से लोन लेने गए हैं, खासकर जब लोन की रकम बहुत कम हो यानी पचास हजार रुपये या उससे भी कम, तो आपने देखा होगा कि बैंक वाले अलग अलग तरह के चार्जेस जोड़कर लोन की रकम को और बढ़ा देते हैं। जैसे लोन प्रोसेसिंग फीस, सर्विस चार्ज, इंस्पेक्शन फीस और पता नहीं क्या क्या। लेकिन अब इस मामले में भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ने बड़ा कदम उठाया है।

आरबीआई ने बैंकों को साफ निर्देश दिए हैं कि वे प्राथमिकता क्षेत्र के तहत दिए जाने वाले पचास हजार रुपये तक के लोन पर कोई अतिरिक्त शुल्क ना लगाएं। ये नियम छोटे कर्जदारों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आए हैं। खासकर वे लोग जो किसान हैं, छोटे दुकानदार हैं, या फिर समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से आते हैं, उनके लिए ये बदलाव बहुत फायदेमंद है।

क्या होता है प्राथमिकता क्षेत्र लोन यानी पीएसएल

पहले यह समझना जरूरी है कि प्राथमिकता क्षेत्र लोन क्या होता है। दरअसल आरबीआई ने बैंकों को कुछ खास क्षेत्रों में लोन देना जरूरी कर रखा है ताकि समाज के सभी वर्गों को फाइनेंशियल मदद मिल सके। इसमें कृषि, छोटे उद्योग, गरीब वर्ग, शिक्षा, ग्रामीण विकास जैसे क्षेत्र आते हैं। बैंकों को अपनी कुल लोन राशि में से एक तय प्रतिशत इन क्षेत्रों को देना होता है। इसे ही प्राथमिकता क्षेत्र लोन या पीएसएल कहा जाता है।

यह भी पढ़े:
8वां वेतन आयोग लागू होने की तारीख तय! जानिए लेवल 1 से 18 तक कितनी बढ़ेगी सैलरी 8th Pay Commission Latest News Today

क्या बदला है नियमों में

आरबीआई ने साफ किया है कि पचास हजार रुपये तक के पीएसएल पर बैंक कोई लोन प्रोसेसिंग फीस, सर्विस चार्ज या इंस्पेक्शन फीस नहीं वसूल सकते। यह नियम एक तारीख से लागू हो जाएगा और सभी बैंकों को इसका पालन करना होगा। इसके अलावा अगर कोई बैंक किसी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी यानी एनबीएफसी से सोने के बदले दिया गया लोन खरीदता है, तो अब वह लोन प्राथमिकता क्षेत्र की श्रेणी में नहीं आएगा।

मतलब यह कि बैंकों को पीएसएल का लक्ष्य पूरा करने के लिए अब वास्तविक जरूरतमंद क्षेत्रों पर ध्यान देना होगा, ना कि एनबीएफसी से लोन खरीदकर सिर्फ कागजी लक्ष्य हासिल करना।

क्यों लिया गया यह फैसला

आरबीआई का कहना है कि यह फैसला इसलिए लिया गया है ताकि प्राथमिकता क्षेत्र के लिए तय फंड सच में उन्हीं तक पहुंचे जो इसके असली हकदार हैं। पहले कई बैंक अपने लक्ष्य पूरे करने के लिए ऐसे लोन दिखा देते थे जो उन्होंने खुद नहीं दिए होते थे, बल्कि एनबीएफसी से खरीदे होते थे। इससे छोटे किसानों, दुकानदारों, छात्रों और ग्रामीण क्षेत्रों को उतना फायदा नहीं मिल पाता था जितना मिलना चाहिए था।

यह भी पढ़े:
आज सुबह जारी हुए पेट्रोल-डीजल के नए रेट! चौंका सकती हैं आज की कीमतें – तुरंत करें चेक Petrol Diesel Rate

इसके साथ ही आरबीआई ने बैंकों पर निगरानी भी सख्त कर दी है। अब उन्हें हर तिमाही और हर साल के अंत में पीएसएल से जुड़े लोन का पूरा डाटा देना होगा। यह डाटा तिमाही खत्म होने के पंद्रह दिन के अंदर और साल के अंत के एक महीने के भीतर जमा करना अनिवार्य होगा।

नियम नहीं मानने पर सख्ती

अगर कोई बैंक पीएसएल का लक्ष्य पूरा नहीं करता तो उसे इसके बदले ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड यानी आरआईडीएफ या नाबार्ड और दूसरी संस्थाओं में पैसा डालना होगा। यानी अब बैंकों को मजबूरी में भी प्राथमिकता क्षेत्र पर ध्यान देना ही पड़ेगा वरना उन्हें नुकसान झेलना पड़ेगा।

इस बदलाव से किसे फायदा होगा

सबसे बड़ा फायदा मिलेगा उन लोगों को जो छोटी रकम के लिए लोन लेना चाहते हैं। जैसे कोई ग्रामीण महिला जो खुद का छोटा सा व्यवसाय शुरू करना चाहती है, या कोई छात्र जिसे पढ़ाई के लिए थोड़े पैसों की जरूरत है, या कोई किसान जिसे बुआई के समय बीज खरीदने हैं। इन सभी को अब छोटे लोन लेने पर कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं देना होगा जिससे उनकी जेब पर बोझ नहीं पड़ेगा।

यह भी पढ़े:
राशन कार्डधारकों को मिला बड़ा तोहफा! अब एक साथ मिलेगा 4 महीने का राशन Ration Card New Update 2025

साथ ही बैंक अब इस बात पर ध्यान देंगे कि उनके लोन सही जगह जा रहे हैं या नहीं। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और जरूरतमंद लोगों को सही समय पर आर्थिक मदद मिल पाएगी।

बैंकों के लिए क्या चुनौती होगी

बैंकों को अब अपना सिस्टम थोड़ा बदलना पड़ेगा। उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि उनकी टीम सही लोगों को लोन दे रही है और सारा डाटा समय पर रिपोर्ट किया जा रहा है। छोटे लोन से ज्यादा कमाई नहीं होती, इसलिए बैंक इस सेगमेंट में दिलचस्पी नहीं लेते थे। लेकिन अब मजबूरी में ही सही, बैंकों को प्राथमिकता क्षेत्र में ध्यान देना होगा।

आरबीआई का यह फैसला एक बड़ा कदम है जिससे छोटे कर्जदारों को राहत मिलेगी। यह बदलाव सिर्फ बैंकिंग सिस्टम को ही नहीं बल्कि पूरे समाज को ज्यादा समावेशी और न्यायसंगत बनाने की दिशा में एक मजबूत पहल है। उम्मीद की जानी चाहिए कि इससे बैंकिंग सुविधाएं गांवों तक, गरीबों तक और छोटे व्यापारियों तक और अधिक पहुंचेंगी।

यह भी पढ़े:
पेट्रोल-डीजल के रेट में बड़ा बदलाव – देखें अपने शहर का लेटेस्ट रेट Petrol Diesel Rate Today

अगर आप भी कभी पचास हजार रुपये तक का लोन लेने की सोच रहे हैं तो यह खबर आपके लिए राहत की सांस जैसी है। अब लोन लेते समय बैंक अगर कोई चार्ज मांगे तो आप उन्हें साफ मना कर सकते हैं क्योंकि आरबीआई के नए नियम अब आपके साथ हैं।

Leave a Comment

Join Whatsapp Group