ATM Charges Rules – अगर आप भी हर महीने कई बार एटीएम जाते हैं बैलेंस चेक करने या पैसे निकालने तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। अब एटीएम की मुफ्त सेवाओं में कटौती की गई है और साथ ही कुछ नई बातें जोड़ी गई हैं जो हर खाताधारक को जाननी चाहिए। भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ने मई 2025 से एटीएम से जुड़ी कुछ नई गाइडलाइंस लागू की हैं जो सीधे आपकी जेब पर असर डाल सकती हैं।
अब तक अधिकतर लोग मानते थे कि एटीएम से सिर्फ पैसे निकालने पर ही चार्ज लगता है लेकिन अब अगर आप बैलेंस चेक करते हैं या मिनी स्टेटमेंट निकालते हैं तो भी शुल्क देना पड़ेगा अगर आपने फ्री ट्रांजैक्शन लिमिट पार कर ली है।
नए नियमों की शुरुआत कब से हुई
आरबीआई द्वारा जारी किए गए नए नियम मई 2025 से देशभर के सभी सरकारी निजी और कोऑपरेटिव बैंकों के ग्राहकों पर लागू हो चुके हैं। इन नियमों के तहत अब फ्री ट्रांजैक्शन की लिमिट खत्म होने के बाद हर एटीएम लेनदेन पर चार्ज लगेगा चाहे वह पैसे निकालने से जुड़ा हो या सिर्फ जानकारी लेने से।
मेट्रो और नॉन मेट्रो शहरों में अलग नियम
नए नियमों के तहत यह तय किया गया है कि ग्राहक किस शहर में रहते हैं उसी के आधार पर उन्हें फ्री ट्रांजैक्शन की लिमिट मिलेगी। उदाहरण के लिए
- मेट्रो शहरों जैसे दिल्ली मुंबई कोलकाता बेंगलुरु चेन्नई आदि में सिर्फ 3 फ्री ट्रांजैक्शन हर महीने मिलेंगे
- वहीं नॉन मेट्रो शहरों और ग्रामीण इलाकों में 5 ट्रांजैक्शन हर महीने फ्री होंगे
इन ट्रांजैक्शन में पैसे निकालना बैलेंस चेक करना मिनी स्टेटमेंट लेना या पिन बदलना सभी शामिल हैं।
अब कितना चार्ज लगेगा
पुराने नियमों के मुताबिक अगर आपने फ्री ट्रांजैक्शन की सीमा पार कर ली तो हर ट्रांजैक्शन पर 21 रुपये तक शुल्क लगता था। लेकिन अब यह बढ़कर 23 रुपये हो गया है और इसके अलावा टैक्स भी देना होगा। यानी आपकी जेब पर पहले से ज्यादा बोझ पड़ेगा।
कुछ बैंक इस तरह चार्ज ले रहे हैं
- SBI अपने एटीएम पर 15 रुपये और दूसरे बैंक के एटीएम पर 21 रुपये लेता है
- HDFC Bank हर ट्रांजैक्शन पर 23 रुपये + टैक्स लेता है
- ICICI Bank कैश ट्रांजैक्शन पर 21 रुपये और नॉन फाइनेंशियल पर 8.50 रुपये + टैक्स लेता है
- PNB कैश निकालने पर 23 रुपये और बैलेंस चेक या मिनी स्टेटमेंट जैसी सेवाओं पर 11 रुपये चार्ज करता है
इन सेवाओं पर लगेगा चार्ज
1 मई 2025 से लागू नए नियमों के अनुसार जब आप फ्री लिमिट पार कर लेते हैं तो इन सेवाओं पर आपको अतिरिक्त शुल्क देना होगा
- पैसे निकालना
- बैलेंस चेक करना
- मिनी स्टेटमेंट निकालना
- एटीएम से पिन बदलना
मतलब अब बैलेंस चेक करने के लिए भी अगर आपने फ्री लिमिट पार कर ली है तो चार्ज लगेगा जो पहले नहीं लगता था।
क्यों किया गया ये बदलाव
आरबीआई का कहना है कि एटीएम नेटवर्क को चलाना आसान नहीं है। मशीन की सुरक्षा मेंटेनेंस कैश भरने जैसी प्रक्रियाएं काफी खर्चीली होती हैं। इसके अलावा साइबर सुरक्षा भी एक बड़ा मुद्दा है। इन सभी खर्चों की भरपाई के लिए बैंक एटीएम चार्ज को थोड़ा बढ़ा रहे हैं ताकि सिस्टम लगातार सुचारू रूप से चलता रहे।
किन लोगों पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा
जिन ग्राहकों को डिजिटल बैंकिंग की ज्यादा जानकारी नहीं है या जो ज्यादातर लेनदेन के लिए एटीएम पर निर्भर रहते हैं उन्हें सबसे ज्यादा असर होगा। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में जहां लोग आज भी एटीएम का ही सबसे ज्यादा उपयोग करते हैं। ऐसे लोग जब बार बार एटीएम जाएंगे तो उनका चार्ज हर बार बढ़ता जाएगा जिससे उनकी बचत पर असर पड़ेगा।
कैसे बचा जा सकता है इन चार्ज से
अगर आप सोच रहे हैं कि इस बढ़े हुए शुल्क से कैसे बचा जाए तो कुछ आसान उपाय हैं
- महीने में एटीएम से लेनदेन की फ्री लिमिट का ध्यान रखें और उसे पार न करें
- एक बार में ज्यादा पैसे निकालें ताकि बार बार एटीएम पर जाना न पड़े
- बैलेंस चेक करने या मिनी स्टेटमेंट निकालने के लिए मोबाइल बैंकिंग नेट बैंकिंग या बैंक की ऐप का इस्तेमाल करें
- यूपीआई गूगल पे फोन पे जैसे डिजिटल विकल्पों को ज्यादा अपनाएं
- जरूरत पड़ने पर बैंक की शाखा से जानकारी लें वहां बैलेंस पूछने पर कोई चार्ज नहीं लगता
ग्राहकों की प्रतिक्रिया कैसी है
कुछ ग्राहक इस बढ़े हुए शुल्क से नाखुश हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि यह उनपर अतिरिक्त बोझ डालेगा। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि इससे लोग डिजिटल ट्रांजैक्शन की ओर बढ़ेंगे और एटीएम पर भीड़ कम होगी जिससे समय और पैसा दोनों की बचत होगी।
क्या भविष्य में और बदलाव संभव हैं
बैंकिंग सेक्टर में तेजी से डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा दिया जा रहा है। ऐसे में भविष्य में एटीएम ट्रांजैक्शन की सीमा और कम हो सकती है या चार्ज और बढ़ सकता है। इसलिए जरूरी है कि ग्राहक अभी से डिजिटल विकल्पों को अपनाना शुरू कर दें ताकि भविष्य में परेशानी न हो।
अगर आप भी उन लोगों में हैं जो महीने में कई बार एटीएम जाकर बैलेंस चेक करते हैं या मिनी स्टेटमेंट निकालते हैं तो अब सतर्क हो जाइए। नए नियमों के अनुसार हर बार ऐसा करने पर आपकी जेब पर असर पड़ेगा। अब जरूरत है कि हम डिजिटल बैंकिंग को अपनाएं और एटीएम का इस्तेमाल सोच समझकर करें ताकि फालतू पैसे खर्च न करने पड़ें।