Joint Home Loan – अगर आप अपने सपनों का घर खरीदने की योजना बना रहे हैं और उसके लिए होम लोन लेने का सोच रहे हैं, तो एक छोटा-सा कदम आपको लाखों की बचत दिला सकता है। जी हां, बात हो रही है पत्नी के साथ ज्वाइंट होम लोन (Joint Home Loan) लेने की। अक्सर लोग लोन तो ले लेते हैं, लेकिन कई जरूरी फायदे सिर्फ इस वजह से नहीं उठा पाते क्योंकि उन्होंने लोन सिर्फ अपने नाम पर लिया होता है।
आजकल बैंक और सरकार, दोनों ही महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए कई रियायतें देती हैं, खासकर जब बात प्रॉपर्टी खरीदने की हो। ऐसे में अगर आपकी पत्नी वर्किंग हैं या फिर केवल सह-स्वामी (Co-owner) भी बनें, तो भी आपको कई तरह के फायदे मिल सकते हैं।
तो चलिए जानते हैं कि अगर आप पत्नी के साथ मिलकर ज्वाइंट होम लोन लेते हैं, तो आपको कौन-कौन से फायदे मिल सकते हैं और कैसे यह फैसला आपकी जेब पर भारी नहीं, बल्कि हल्का पड़ सकता है।
1. मिलेगा ज्यादा लोन, खरीद सकेंगे बड़ा घर
जब आप अकेले लोन के लिए अप्लाई करते हैं, तो बैंक आपकी केवल व्यक्तिगत आय को देखकर लोन अमाउंट तय करता है। लेकिन अगर आपकी पत्नी भी वर्किंग हैं और उनकी इनकम को भी लोन एप्लिकेशन में जोड़ा जाए, तो आपकी लोन की एलिजिबिलिटी काफी बढ़ जाती है।
उदाहरण के तौर पर, अगर आपकी इनकम 50,000 रुपये प्रति महीना है और पत्नी की भी उतनी ही है, तो बैंक संयुक्त आय (1 लाख रुपये/महीना) के आधार पर आपको दोगुना लोन दे सकता है। इसका सीधा मतलब है – आप बड़ा और बेहतर घर खरीद सकते हैं।
2. महिलाओं को ब्याज दर में मिलती है छूट
अक्सर बैंक महिलाओं को होम लोन पर 0.05% से 0.1% तक की ब्याज दर में छूट देते हैं। अगर लोन में आपकी पत्नी को-अप्लिकेंट हैं, तो ये छूट पूरे लोन पर लागू हो सकती है।
अब सोचिए, अगर आपने 50 लाख रुपये का होम लोन लिया है और ब्याज दर में 0.05% की भी छूट मिलती है, तो पूरे लोन की अवधि में 1 से 1.5 लाख रुपये की बचत हो सकती है। यानी सिर्फ एक छोटा-सा कदम उठाकर आप लाखों रुपये बचा सकते हैं।
3. डबल टैक्स छूट का मिलेगा फायदा
इनकम टैक्स की बचत तो हर किसी को पसंद होती है। लेकिन जब आप ज्वाइंट होम लोन लेते हैं, तो आप और आपकी पत्नी दोनों अलग-अलग टैक्स डिडक्शन का दावा कर सकते हैं, बशर्ते दोनों लोन की EMI का हिस्सा चुका रहे हों।
- धारा 80C के तहत – ₹1.5 लाख तक का डिडक्शन (प्रिंसिपल अमाउंट पर)
- धारा 24(b) के तहत – ₹2 लाख तक का डिडक्शन (ब्याज अमाउंट पर)
यानि दोनों मिलकर सालाना ₹7 लाख तक की टैक्स छूट ले सकते हैं। इससे आपकी सालाना टैक्स देनदारी काफी हद तक कम हो जाती है।
4. स्टांप ड्यूटी में भी मिलती है भारी छूट
स्टांप ड्यूटी प्रॉपर्टी की खरीदारी में एक बड़ा खर्च होता है। लेकिन अगर महिला को प्रॉपर्टी का सह-स्वामी बनाया जाता है, तो कई राज्य जैसे दिल्ली, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश आदि में 1% से 2% तक की स्टांप ड्यूटी छूट मिलती है।
अगर आप मान लीजिए 50 लाख रुपये की प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं, तो 1% छूट का मतलब हुआ 50,000 रुपये की सीधी बचत। कुछ राज्यों में ये छूट 1 लाख रुपये तक भी जा सकती है। यानी यह छूट घर खरीदने के खर्च को थोड़ा और हल्का बना देती है।
5. प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) की सब्सिडी का लाभ
अगर आप पहली बार घर खरीद रहे हैं और आपकी पत्नी को-ऑनर हैं, तो आप प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ₹2.5 लाख तक की सब्सिडी भी पा सकते हैं।
PMAY के तहत कुछ शर्तें होती हैं – जैसे परिवार की कुल इनकम एक तय सीमा के भीतर होनी चाहिए, घर का पहला खरीदार होना चाहिए, और महिला का नाम प्रॉपर्टी में होना अनिवार्य है। अगर आप इन शर्तों को पूरा करते हैं, तो यह सब्सिडी आपके लिए बहुत बड़ा फायदा हो सकती है।
कुछ और फायदे जो नहीं दिखते लेकिन जरूरी हैं
- फाइनेंशियल प्लानिंग बेहतर होती है – जब पति-पत्नी मिलकर लोन लेते हैं और जिम्मेदारी बांटते हैं, तो इससे आर्थिक दबाव कम होता है और फाइनेंशियल प्लानिंग बेहतर होती है।
- क्रेडिट स्कोर पर पॉजिटिव असर – समय पर EMI चुकाने से दोनों का CIBIL स्कोर सुधरता है, जिससे आगे चलकर किसी और लोन या क्रेडिट फैसिलिटी के लिए फायदेमंद होता है।
- परिवार में साझेदारी का भाव बढ़ता है – घर जैसी बड़ी चीज में दोनों की भागीदारी रिश्ते को और मजबूत बनाती है।
घर खरीदना हर किसी का सपना होता है, लेकिन ये सपना स्मार्ट फैसलों से ही साकार होता है। अगर आप अपनी पत्नी के साथ मिलकर ज्वाइंट होम लोन लेते हैं, तो आप न सिर्फ ज्यादा लोन पा सकते हैं, बल्कि ब्याज दर में छूट, टैक्स सेविंग, स्टांप ड्यूटी और सब्सिडी जैसे बड़े फायदे भी उठा सकते हैं।
थोड़ी सी समझदारी और प्लानिंग से आप अपने घर के बजट को ज्यादा प्रभावी बना सकते हैं और भविष्य की चिंता को कम कर सकते हैं। तो अगली बार जब आप लोन की बात करें, तो अपनी पत्नी को जरूर साथ लाएं – ये सिर्फ प्यार का नहीं, पैसे का भी समझदारी भरा रिश्ता है।