Petrol Diesel Price – अगर आप इस राज्य में रहते हैं और महसूस कर रहे हैं कि पेट्रोल-डीजल की कीमतें जेब पर भारी पड़ रही हैं, तो यह सिर्फ आपका भ्रम नहीं है। वास्तव में यहां ईंधन की कीमतें आस-पास के कुछ अन्य राज्यों की तुलना में काफी ज्यादा हैं। खास बात यह है कि सीमावर्ती इलाकों में लोग अब सस्ता पेट्रोल-डीजल लेने के लिए बड़ी संख्या में आसपास के राज्यों की ओर रुख कर रहे हैं।
कुछ जगहों पर पेट्रोल करीब ₹8.49 और डीजल ₹3.54 प्रति लीटर तक सस्ता मिल रहा है। लोग सीधे गाड़ियां लेकर सीमा पार के इलाकों में जा रहे हैं और वहां से सस्ता तेल भरवाकर लौट रहे हैं। इसका सीधा असर स्थानीय पंपों की बिक्री पर पड़ रहा है।
बॉर्डर के पंपों पर भारी भीड़
पंजाब और हरियाणा की सीमा शुरू होते ही पेट्रोल पंपों पर सुबह से देर रात तक गाड़ियों की लाइन लगी रहती है। लोग सिर्फ अपनी गाड़ियों के लिए नहीं, बल्कि बड़े-बड़े ड्रम और कैन लेकर बल्क में पेट्रोल-डीजल भरवा रहे हैं।
कुछ लोग तो इस तेल को राज्य के अंदर अवैध रूप से फुटकर बिक्री के लिए भी ले जा रहे हैं, जिससे सरकारी पंपों की बिक्री और भी प्रभावित हो रही है।
अनाधिकृत बैरल प्वाइंट्स का चलन
राजस्थान में कुछ जगहों पर लोग सस्ता पेट्रोल खरीदकर बिना लाइसेंस के बेच रहे हैं। ये लोग अलग-अलग मोहल्लों और गांवों में “बैरल प्वाइंट” के नाम से पेट्रोल-डीजल की फुटकर बिक्री कर रहे हैं।
इससे न सिर्फ राज्य सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है, बल्कि यह लोगों की सुरक्षा के लिए भी खतरा बन सकता है क्योंकि बिना किसी सुरक्षा उपायों के ज्वलनशील पदार्थों की बिक्री की जा रही है।
स्थानीय पंप मालिकों की परेशानी
राजस्थान के पेट्रोल पंप मालिकों का कहना है कि तेल पर ऊंचे टैक्स की वजह से ग्राहक सीमावर्ती राज्यों की ओर भाग रहे हैं। उन्होंने कई बार राज्य और केंद्र सरकार से गुहार लगाई कि पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले वैट में कटौती की जाए ताकि प्रतिस्पर्धा की स्थिति सुधरे।
उनका कहना है कि जब तक टैक्स में कमी नहीं होती, तब तक यह स्थिति बनी रहेगी और अवैध धंधा और बढ़ेगा।
हरियाणा से भी आ रहा सस्ता तेल
हरियाणा के पेट्रोल पंप भी राजस्थान से कुछ किलोमीटर की दूरी पर हैं, और वहां भी पेट्रोल-डीजल काफी सस्ता मिल रहा है। खास बात ये है कि हरियाणा में टैक्स कम होने के कारण लंबी दूरी तय करने वाले वाहन चालक भी हरियाणा के पंपों से ईंधन भरवाना पसंद करते हैं।
यहां तक कि कुछ लोग तो 75 किलोमीटर दूर जाकर भी सस्ता पेट्रोल-डीजल भरवाने को तैयार हैं, क्योंकि जब फर्क ₹8-10 प्रति लीटर का हो, तो बचत का आंकड़ा भारी हो जाता है।
क्या कहती है सरकार?
राज्य सरकार को इस अंतर की जानकारी है लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। राजस्थान में वैट सबसे ज्यादा है, और यही वजह है कि यहां के लोगों को महंगा तेल खरीदना पड़ रहा है।
‘एक देश, एक रेट’ की बात कई बार उठी, लेकिन अब तक इसे लागू नहीं किया गया। जब तक राज्यों के बीच करों का अंतर रहेगा, तब तक यह समस्या खत्म नहीं होगी।
जनता की राय
स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार को यह देखना चाहिए कि ज्यादा टैक्स लगाने से आमदनी नहीं बढ़ती बल्कि लोग विकल्प तलाश लेते हैं। इससे राज्य को नुकसान होता है और कानून का उल्लंघन भी बढ़ता है।
राजस्थान सरकार को चाहिए कि वह तेल पर लगने वाले टैक्स की समीक्षा करे। साथ ही केंद्र सरकार को भी चाहिए कि वह सभी राज्यों में एक समान ईंधन मूल्य नीति लागू करे।
अगर ऐसा नहीं हुआ, तो राज्य के पंपों की बिक्री गिरती रहेगी, और अवैध कारोबार को बढ़ावा मिलता रहेगा। साथ ही आम जनता की जेब भी ज्यादा ढीली होती जाएगी।