Bank Loan Rule – आजकल लोन लेना कोई बड़ी बात नहीं रह गई है। चाहे होम लोन हो, कार लोन, पर्सनल लोन या स्टूडेंट लोन – जरूरत के हिसाब से लोग लोन लेते हैं और समय के साथ ईएमआई चुकाते रहते हैं। लेकिन असली सावधानी तब जरूरी होती है जब आप अपना लोन पूरा चुकाकर उसे बंद करने का सोचते हो। बहुत से लोग लोन लेते वक्त तो सतर्क रहते हैं, लेकिन जब बात लोन अकाउंट क्लोज करने की आती है, तब कुछ जरूरी बातों को नजरअंदाज कर देते हैं। और यही छोटी-छोटी गलतियां भविष्य में बड़ी मुसीबत बन सकती हैं।
तो चलिए इस आर्टिकल में आपको आसान और कैजुअल भाषा में बताते हैं कि लोन चुकाने के वक्त किन 5 बातों का जरूर ध्यान रखना चाहिए और क्या सावधानियां जरूरी हैं। लेख के अंत में आपको लोन क्लोजिंग से जुड़ी कुछ खास टिप्स भी देंगे।
समय से पहले लोन चुकाने पर लग सकता है चार्ज – पहले कंफर्म कर लो
अगर आप सोच रहे हैं कि लोन की किश्तें खत्म करने से पहले ही पूरा लोन चुका दूं तो बहुत अच्छा विचार है। इससे ब्याज की बचत होती है और मानसिक सुकून भी मिलता है। लेकिन रुकिए! क्या आपने अपने बैंक या एनबीएफसी की फोरक्लोज़र पॉलिसी पढ़ी है?
- होम लोन पर ज़्यादातर बैंक फोरक्लोज़र चार्ज नहीं लगाते, खासकर अगर वो फ्लोटिंग रेट पर है।
- लेकिन पर्सनल लोन या कार लोन जल्दी चुकाने पर 1% से 5% तक का चार्ज लग सकता है।
- समय से पहले लोन चुकाने की सोच रहे हैं, तो पहले अपने बैंक से लिखित में जानकारी जरूर लें।
NOC (No Objection Certificate) लेना बिल्कुल मत भूलना
लोन पूरा होने के बाद सबसे जरूरी डॉक्यूमेंट होता है NOC, जो इस बात का सबूत होता है कि आपने लोन की पूरी राशि चुका दी है और अब बैंक का आप पर या आपकी संपत्ति पर कोई दावा नहीं है।
- इस NOC में आपका नाम, लोन अकाउंट नंबर, पता और लोन क्लोजिंग की तारीख जैसी सभी जानकारी सही होनी चाहिए।
- कभी भी NOC को मेल या फोन से मांग कर छोड़ मत दीजिए, इसे हार्ड कॉपी में लीजिए और अच्छे से संभालकर रखिए।
- भविष्य में लोन से जुड़ी कोई कानूनी दिक्कत आए तो यही डॉक्यूमेंट काम आता है।
बैंक से अपने सारे ओरिजिनल डॉक्यूमेंट वापस ले लीजिए
लोन लेते वक्त आपने जो भी ओरिजिनल कागज बैंक को दिए थे – जैसे कि:
- बिक्री का एग्रीमेंट (Sale Deed)
- पावर ऑफ अटॉर्नी
- कन्वेयन्स डीड
- कैंसिल चेक
इन्हें बैंक से समय रहते जरूर वापस ले लें। कई बार बैंक लापरवाही में डॉक्यूमेंट लौटाने में देर कर देते हैं और ग्राहकों को चक्कर लगवाते हैं। ऐसे में लोन पूरा होते ही तुरंत रिक्वेस्ट डालें और फिजिकली जाकर अपने दस्तावेज़ कलेक्ट करें।
प्रॉपर्टी या गाड़ी पर से Lien हटवाना जरूरी है
जब आप लोन लेते हैं, खासकर होम या व्हीकल लोन, तो बैंक आपकी संपत्ति पर एक तरह का लीइन (lien) यानी कानूनी बंधक लगा देता है। इसका मतलब है कि बिना बैंक की अनुमति के आप उस संपत्ति को बेच नहीं सकते।
- लोन चुकाने के बाद, प्रॉपर्टी लोन में बैंक के कर्मचारी के साथ रजिस्ट्रार ऑफिस जाकर लीइन हटवाना जरूरी होता है।
- अगर आपने गाड़ी का लोन लिया था, तो RTO (Regional Transport Office) जाकर नो लीन सर्टिफिकेट जमा करना पड़ता है ताकि मालिकाना हक पूरी तरह से आपके नाम ट्रांसफर हो सके।
अपना CIBIL स्कोर अपडेट जरूर चेक करें
लोन क्लोजिंग के बाद भी अगर आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में लोन बकाया दिख रहा हो तो समझिए गड़बड़ है। कई बार बैंक या एनबीएफसी CIBIL को अपडेट करने में देर कर देते हैं, जिसकी वजह से:
- आपकी CIBIL रिपोर्ट में लोन क्लोज नहीं दिखता।
- नया लोन या क्रेडिट कार्ड लेने में दिक्कत होती है।
- आपकी क्रेडिट स्कोर पर नेगेटिव असर पड़ सकता है।
इसलिए लोन क्लोज होने के 30 दिन बाद CIBIL रिपोर्ट जरूर चेक करें। अगर कोई गलती हो, तो तुरंत बैंक से संपर्क करें और सुधार करवाएं।
बोनस टिप्स: लोन बंद करते वक्त इन बातों का भी रखें ध्यान
- EMI पेमेंट का पूरा स्टेटमेंट लें और जांचें कि कोई बकाया तो नहीं है।
- लोन क्लोजिंग के बाद अकाउंट में “closed“ स्टेटस अपडेट हुआ है या नहीं, यह बैंक से पूछें।
- अगर आपने ECS या ऑटो डेबिट सेट किया था, तो उसे बैंक से कैंसिल करवाना न भूलें।
- अगर लोन साझा था (जैसे कि पति-पत्नी के नाम पर), तो दोनों की सहमति से ही क्लोजिंग की प्रक्रिया पूरी करें।
लोन लेना आसान है, समय पर चुकाना अच्छी बात है और समय से पहले चुका देना समझदारी है। लेकिन अगर लोन पूरी तरह चुका देने के बाद आप ज़रूरी कागज़ी प्रक्रिया में लापरवाही कर बैठते हैं, तो आगे चलकर ये परेशानी का कारण बन सकता है। इसलिए जब भी लोन बंद करने जाएं, ऊपर बताई गई सभी बातों पर ध्यान दें।