Bank Cheque Rules – आजकल भले ही हर कोई डिजिटल पेमेंट, UPI और नेट बैंकिंग का इस्तेमाल कर रहा है, लेकिन जब बात बड़ी रकम या ऑफिसियल ट्रांजैक्शन की आती है, तो लोग अब भी चेक का ही सहारा लेते हैं। चेक एक ऐसा फाइनेंशियल डॉक्यूमेंट है जिसे लेकर बैंक और कानून दोनों बहुत सख्त होते हैं। ऐसे में अगर आप चेक से लेनदेन करते हैं, तो आपको इससे जुड़े कुछ बेहद जरूरी नियमों और सावधानियों के बारे में जानना ही चाहिए।
क्योंकि एक छोटी सी गलती भी आपकी साख बिगाड़ सकती है, बैंक से पैसा नहीं निकलेगा और कानूनी पचड़े में भी फंस सकते हैं। तो चलिए जानते हैं उन गलतियों के बारे में जिन्हें चेक भरते समय हर किसी को टालना चाहिए।
गलत या पुरानी तारीख डालना पड़ सकता है भारी
सबसे पहली और कॉमन गलती जो लोग करते हैं वो है – गलत तारीख डालना। कई बार जल्दबाजी में लोग या तो पुरानी तारीख डाल देते हैं या गलती से फ्यूचर डेट भर देते हैं। बैंक ऐसे चेक को या तो होल्ड पर डाल देता है या सीधे रिजेक्ट कर देता है।
क्या करें:
हमेशा चेक लिखते समय आज की तारीख डालें।
पुरानी डेट (Backdated Cheque) या भविष्य की तारीख (Post Dated Cheque) तब ही डालें जब आपको उसका विशेष कारण पता हो।
पेंसिल या गलत पेन से चेक भरना
अगर आपने कभी चेक पेंसिल से या ऐसे पेन से भरा है जिसे मिटाया जा सके, तो समझिए आप धोखाधड़ी के रास्ते खुद ही खोल रहे हैं।
क्या करें:
हमेशा ब्लैक या ब्लू परमानेंट इंक वाले पेन से ही चेक भरें।
गड़बड़ी की आशंका से बचने के लिए एक बार भरने के बाद उसे फिर से सही न करें, नया चेक इस्तेमाल करें।
खाता खाली और चेक जारी – सीधे कोर्ट का चक्कर
अगर आपने किसी को चेक दे दिया और उस वक्त आपके अकाउंट में पैसे नहीं हैं, तो यह मामूली गलती नहीं है। चेक बाउंस होना एक कानूनी अपराध है।
क्या होता है सज़ा:
निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट, 1881 के तहत चेक बाउंस पर 2 साल तक की सज़ा और जुर्माना दोनों हो सकता है।
क्या करें:
चेक देने से पहले यह पक्का कर लें कि आपके खाते में पर्याप्त राशि है।
नाम में गलती – पैसा लटक सकता है
चेक पर जिस व्यक्ति या संस्था को पेमेंट करनी है, उसका नाम अगर गलत या अस्पष्ट लिखा गया है, तो बैंक तुरंत चेक को रिजेक्ट कर देता है।
क्या करें:
नाम को ब्लॉक लेटर्स में साफ-साफ लिखें।
नाम में स्पेलिंग या टाइटल की पुष्टि करें।
सही सिग्नेचर न करना – सीधा रिजेक्शन
हर बैंक में आपका एक फिक्स्ड सिग्नेचर होता है जो रिकॉर्ड में रहता है। अगर आपने चेक पर उससे अलग साइन किया, तो बैंक चेक क्लियर नहीं करेगा।
क्या करें:
बैंक रिकॉर्ड वाला ही सिग्नेचर करें।
अगर सिग्नेचर बदल गया है तो तुरंत बैंक जाकर अपडेट करवाएं।
ब्लैंक चेक पर साइन करके देना – बड़ी भूल
कई बार हम रिश्तेदारों, दोस्तों या बिजनेस पार्टनर को “भरोसे” में खाली चेक साइन करके दे देते हैं। लेकिन यही चेक अगर गलत हाथों में चला जाए तो बड़ा फाइनेंशियल नुकसान हो सकता है।
क्या करें:
कभी भी खाली चेक पर साइन न करें।
अगर देना ही है तो अमाउंट और नाम भरने के बाद ही साइन करें।
अक्षरों और अंकों में अमाउंट अलग-अलग – सीधा रिजेक्शन
अगर आपने चेक में ₹10,000/- लिखा और शब्दों में Ten thousand की जगह कुछ और या अधूरा लिखा, तो बैंक चेक क्लियर नहीं करेगा।
क्या करें:
अमाउंट को पहले अंकों में और फिर शब्दों में स्पष्ट रूप से लिखें।
दोनों में समानता होनी चाहिए।
बीच में कोई स्पेस न छोड़ें जिससे छेड़छाड़ न हो सके।
हर चेक का रिकॉर्ड रखें – स्मार्ट तरीका
कई लोग चेक देकर भूल जाते हैं कि कब, किसको और कितनी रकम दी थी। इससे बाद में विवाद की स्थिति में दिक्कत हो सकती है।
क्या करें:
हर चेक का नंबर, तारीख, अमाउंट और रिसीवर का नाम एक डायरी या डिजिटल नोट में सेव रखें।
इससे आपको ट्रैकिंग और जरूरत पड़ने पर बैंक से क्लेम करने में आसानी होगी।
चेक इस्तेमाल में सावधानी ही सबसे बड़ा बचाव है
चेक भले ही एक पुराना सिस्टम हो, लेकिन आज भी इसका महत्व बना हुआ है। खासकर बिजनेस डील्स, किराया, बुकिंग या किसी भी फॉर्मल ट्रांजैक्शन के लिए चेक एक जरूरी और भरोसेमंद जरिया है। लेकिन इसके साथ लापरवाही आपको आर्थिक और कानूनी दोनों तरीके से झटका दे सकती है।
तो अगली बार जब भी आप चेक लिखें, इन सभी बातों का ध्यान जरूर रखें – ताकि न आपका पैसा फंसे, न इमेज खराब हो और न ही कोर्ट-कचहरी का सामना करना पड़े।