Cibil Score New Rule – अगर आपने कभी लोन के लिए अप्लाई किया है, या फिर क्रेडिट कार्ड लेना चाहा है, तो आपने “सिबिल स्कोर” का नाम जरूर सुना होगा। बहुत से लोग इसे लेकर परेशान भी होते हैं, खासकर जब बिना बताए उनका लोन रिजेक्ट हो जाए या स्कोर डाउन हो जाए। अब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी RBI ने ग्राहकों की ऐसी ही परेशानियों को ध्यान में रखते हुए सिबिल स्कोर से जुड़े कई नए नियम लागू किए हैं। और यकीन मानिए, ये बदलाव आपके लिए काफी फायदेमंद होने वाले हैं।
1. अब बिना बताए सिबिल स्कोर चेक नहीं होगा
पहले क्या होता था – बैंक या कोई एनबीएफसी आपकी जानकारी के बिना ही आपका सिबिल स्कोर चेक कर लेते थे और आपको इसकी भनक तक नहीं लगती थी। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। RBI ने साफ कर दिया है कि अब जब भी कोई बैंक, एनबीएफसी या कोई और संस्था आपका सिबिल स्कोर चेक करेगी, तो आपको ईमेल या SMS के जरिए इसकी जानकारी दी जाएगी। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और आप खुद जान पाएंगे कि कब और किसने आपका स्कोर चेक किया।
2. लोन रिजेक्ट? अब आपको वजह जरूर बताई जाएगी
कई बार आपने देखा होगा कि आपने लोन के लिए अप्लाई किया और बिना किसी ठोस वजह के रिजेक्ट हो गया। अब RBI ने बैंकों को निर्देश दिया है कि अगर किसी ग्राहक का लोन आवेदन रिजेक्ट किया जाता है, तो उसे इसकी पूरी वजह बतानी होगी। इसके अलावा, हर महीने रिजेक्ट किए गए लोन आवेदन की रिपोर्ट भी RBI को भेजनी होगी। यानी अब बैंकों को जवाबदेह बनाया जा रहा है।
3. हर साल फ्री में मिलेगी क्रेडिट रिपोर्ट
अब हर ग्राहक को साल में एक बार अपनी पूरी क्रेडिट रिपोर्ट देखने का अधिकार मिलेगा – वो भी बिल्कुल मुफ्त। सभी क्रेडिट ब्यूरो और बैंक को अपनी वेबसाइट पर एक लिंक देना होगा, जहां से ग्राहक अपनी रिपोर्ट आसानी से देख सके। इससे आप जान पाएंगे कि आपका स्कोर कैसा है, और अगर उसमें कोई गलती है तो उसे सुधारने के लिए भी तुरंत कार्रवाई कर सकते हैं।
4. डिफॉल्टर घोषित करने से पहले चेतावनी जरूरी
अब कोई भी बैंक आपको सीधे डिफॉल्टर घोषित नहीं कर सकता। उसे पहले आपको नोटिस देना होगा ताकि आप बकाया चुकता कर सकें। ये बड़ा कदम है, क्योंकि कई बार लोग डिफॉल्ट की स्थिति में नहीं होते, फिर भी गलत जानकारी की वजह से उनकी साख खराब हो जाती है।
5. शिकायत का हल अब तय समय में
RBI ने ये भी साफ कर दिया है कि अगर कोई ग्राहक शिकायत करता है तो उसे टालने का ऑप्शन नहीं है। बैंक को 21 दिन और क्रेडिट ब्यूरो को 9 दिन में उस शिकायत को सुलझाना ही होगा। अगर ऐसा नहीं किया गया, तो हर दिन ₹100 का जुर्माना देना पड़ेगा। यानी अब देरी की कोई गुंजाइश नहीं है।
6. नोडल अधिकारी की नियुक्ति जरूरी
हर बैंक और एनबीएफसी को अब सिबिल स्कोर से जुड़ी शिकायतों को सुलझाने के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त करना होगा। ये अधिकारी खास तौर पर इस काम के लिए जिम्मेदार होंगे। इससे ग्राहकों को अपनी शिकायत लेकर अलग-अलग जगह नहीं भटकना पड़ेगा और समाधान भी तेजी से मिलेगा।
7. शिकायतों की जानकारी सार्वजनिक करना जरूरी
अब बैंकों और क्रेडिट ब्यूरो को यह बताना होगा कि उन्हें कितनी शिकायतें मिलीं और कितनी सुलझाईं गईं। इस जानकारी को सार्वजनिक करना अनिवार्य होगा जिससे पारदर्शिता बनी रहे। इससे ग्राहक यह देख सकेंगे कि किस बैंक या संस्था में शिकायतों का समाधान सही तरीके से हो रहा है।
8. जागरूकता अभियान भी चलाना होगा
RBI ने बैंकों को कहा है कि वे ग्राहकों को सिबिल स्कोर के बारे में जागरूक करें – यानी कैसे स्कोर को अच्छा बनाए रखें, किन गलतियों से स्कोर खराब हो सकता है, और कौन से टिप्स से स्कोर सुधारा जा सकता है। इससे लोगों को अपने फाइनेंशियल मैनेजमेंट को समझने में मदद मिलेगी।
9. ग्राहकों के अधिकार होंगे सुरक्षित
इन सारे नियमों का मकसद है कि ग्राहकों के अधिकारों की रक्षा की जाए और सिबिल स्कोर की प्रक्रिया को पारदर्शी और जवाबदेह बनाया जाए। अब बैंक मनमर्जी नहीं कर पाएंगे और ग्राहकों को अपने स्कोर के बारे में सही जानकारी और सुधार का पूरा मौका मिलेगा।
अगर आप लोन लेने का प्लान बना रहे हैं, तो सबसे पहले अपनी फ्री क्रेडिट रिपोर्ट जरूर देखें। अगर उसमें कोई गलती है तो तुरंत सुधार करवाएं। और अगर आपका स्कोर अच्छा नहीं है, तो समय रहते उसे बेहतर करने की कोशिश करें। EMI समय पर भरें, क्रेडिट कार्ड लिमिट से ज्यादा खर्च न करें और पुरानी देनदारियों को जल्द निपटाएं। अब जब RBI ने आपकी मदद के लिए ये कदम उठाए हैं, तो आपको भी थोड़ा सजग रहना जरूरी है।