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RBI का बड़ा फैसला! अब CIBIL स्कोर को लेकर लागू हुए नए नियम – Cibil Score New Rules

By Prerna Gupta

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Cibil Score New Rules – आज के समय में अगर किसी को लोन लेना है तो सबसे पहले बैंक या फाइनेंशियल इंस्टिट्यूट आपका सिबिल स्कोर चेक करते हैं। यह स्कोर यह बताता है कि आपने पहले लिए गए लोन या क्रेडिट कार्ड का कितना अच्छा या खराब भुगतान किया है। लेकिन अभी तक सिबिल स्कोर से जुड़े बहुत से मामलों में ग्राहकों को परेशानी झेलनी पड़ती थी। जैसे स्कोर में गलती, बिना जानकारी के स्कोर चेक होना, या बिना कारण बताए लोन रिजेक्ट कर देना।

अब इन सभी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI ने सिबिल स्कोर से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव किया है। ये नए नियम ग्राहकों के हक में हैं और बैंकों को ज्यादा पारदर्शी बनने के लिए बाध्य करते हैं। आइए आपको आसान भाषा में बताते हैं कि ये नए नियम क्या हैं और आपके लिए ये कितने फायदेमंद साबित हो सकते हैं।

बिना बताए अब कोई भी आपका सिबिल स्कोर नहीं देख सकता

अब किसी भी बैंक या लोन कंपनी को अगर आपका सिबिल स्कोर चेक करना है तो पहले आपको इसकी जानकारी देनी होगी। ये जानकारी एसएमएस या ईमेल के माध्यम से दी जाएगी। इससे आप जान पाएंगे कि कौन सी संस्था आपके स्कोर को देख रही है और क्यों।

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पहले ऐसा होता था कि कई बार लोग खुद ही अनजाने में ऐसी जगहों पर लोन के लिए अप्लाई कर देते थे या कुछ फाइनेंशियल ऐप्स उनका डाटा यूज कर लेते थे जिससे बार बार उनका स्कोर चेक होता रहता था और इसका स्कोर पर नकारात्मक असर पड़ता था।

लोन रिजेक्ट हुआ तो बैंक को बताना पड़ेगा कारण

अब तक बैंकों की एक बड़ी मनमानी यही रही है कि वह बिना किसी कारण बताए लोगों के लोन आवेदन को रिजेक्ट कर देते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा। RBI के नए नियमों के अनुसार बैंक को अब लिखित रूप से बताना होगा कि लोन आवेदन क्यों खारिज किया गया।

इससे ग्राहकों को ये जानने में मदद मिलेगी कि उनकी फाइल में क्या कमी रह गई और वे भविष्य में सुधार कर सकें। साथ ही हर महीने बैंक और एनबीएफसी को यह रिपोर्ट देना भी जरूरी होगा कि कितने आवेदन रिजेक्ट हुए और उनके पीछे क्या कारण थे।

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हर साल एक बार फ्री में मिलेगी क्रेडिट रिपोर्ट

अब ग्राहक साल में एक बार अपनी पूरी क्रेडिट रिपोर्ट फ्री में ले सकते हैं। इसके लिए क्रेडिट ब्यूरो को अपनी वेबसाइट पर एक लिंक देना होगा जहां से आप आसानी से अपनी रिपोर्ट डाउनलोड कर सकते हैं। इससे आप समय समय पर अपने स्कोर की निगरानी कर पाएंगे और किसी भी गलती को समय रहते सुधार सकेंगे।

डिफॉल्टर घोषित करने से पहले बैंक को देनी होगी सूचना

अक्सर देखा गया है कि कुछ बैंक बिना सूचना दिए किसी ग्राहक को डिफॉल्टर घोषित कर देते हैं जिससे उसका सिबिल स्कोर काफी नीचे चला जाता है और आगे लोन लेना मुश्किल हो जाता है। लेकिन अब RBI के नए नियमों के तहत अगर बैंक किसी को डिफॉल्टर घोषित करना चाहता है तो पहले उसे लिखित सूचना देनी होगी।

इससे ग्राहक को समय मिलेगा कि वह अपने लोन की स्थिति को ठीक कर सके या अपनी गलती सुधार सके।

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सिबिल स्कोर से जुड़ी शिकायतों के लिए नोडल अधिकारी की नियुक्ति

हर बैंक और लोन संस्था को अब एक नोडल अधिकारी नियुक्त करना होगा जो केवल सिबिल स्कोर से जुड़ी समस्याओं और शिकायतों का समाधान करेगा। यह अधिकारी ग्राहकों की परेशानियों को जल्दी निपटाने का काम करेगा जिससे अनावश्यक देरी न हो।

शिकायत निपटारे के लिए तय हुई समयसीमा

RBI ने यह भी तय किया है कि अगर किसी ग्राहक को सिबिल स्कोर या क्रेडिट रिपोर्ट से जुड़ी कोई शिकायत है तो बैंक को उसे 21 दिनों के अंदर सुलझाना होगा। अगर बैंक ऐसा नहीं करता तो उसे उस मामले को संबंधित क्रेडिट ब्यूरो के पास भेजना होगा।

ब्यूरो को फिर 9 दिनों के अंदर उस समस्या का हल करना होगा। अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो हर दिन की देरी पर 100 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। इससे बैंक और क्रेडिट ब्यूरो दोनों पर जवाबदेही बढ़ेगी।

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क्रेडिट ब्यूरो को करना होगा शिकायतों का सार्वजनिक रिकॉर्ड

अब हर क्रेडिट ब्यूरो को अपनी वेबसाइट पर यह जानकारी डालनी होगी कि उन्हें कितनी शिकायतें मिली हैं, किस प्रकार की शिकायतें थीं और कितने समय में उनका समाधान किया गया। इससे ग्राहकों को पारदर्शिता मिलेगी और वे यह तय कर पाएंगे कि कौन सी संस्था बेहतर सेवा दे रही है।

सिबिल स्कोर सुधारने की कोशिशों को मिलेगा बढ़ावा

इन नियमों के लागू होने के बाद अब लोग अपने स्कोर को लेकर और ज्यादा जागरूक होंगे। अगर किसी का स्कोर कम है तो वह समय पर भुगतान करके, क्रेडिट लिमिट का सही उपयोग करके, और अनावश्यक स्कोर जांच से बचकर उसे बेहतर बना सकेगा।

RBI के ये नए नियम लोन लेने वालों के लिए बहुत राहत देने वाले हैं। अब न सिर्फ बैंक और फाइनेंशियल संस्थाएं ज्यादा जिम्मेदारी से काम करेंगी बल्कि ग्राहकों के अधिकार भी सुरक्षित रहेंगे। सिबिल स्कोर अब सिर्फ एक नंबर नहीं रहेगा बल्कि एक पारदर्शी प्रक्रिया का हिस्सा बनेगा जिसमें हर कदम पर ग्राहक को जानकारी मिलेगी।

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अगर आप भी लोन लेने की योजना बना रहे हैं या पहले किसी गलती से आपका सिबिल स्कोर खराब हो गया है तो अब समय है कि आप इन नए नियमों के जरिए अपना स्कोर सुधारें और बैंकों की हर गतिविधि पर नजर रखें।

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