DA Hike News – मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए एक बड़ी खबर सामने आ रही है। जुलाई 2025 से लागू होने वाली 4% महंगाई भत्ते (DA) की बढ़ोतरी को लेकर काफी दिनों से इंतजार चल रहा है। जबकि छत्तीसगढ़ और राजस्थान जैसे राज्यों में कर्मचारियों को बढ़ा हुआ DA मिलना शुरू हो चुका है, मध्य प्रदेश के करीब 10 लाख कर्मचारियों को अभी भी इसका इंतजार है।
दूसरे राज्यों में मिल चुकी है मंजूरी
छत्तीसगढ़ और राजस्थान सरकार ने चुनाव आयोग से अनुमति लेकर अपने कर्मचारियों को 4% बढ़ा हुआ DA देना शुरू कर दिया है। इन राज्यों में कर्मचारियों और पेंशनर्स को इसका फायदा मिल रहा है, जिससे उनकी जेब में थोड़ी राहत की सांस आई है। वहीं दूसरी ओर, मध्य प्रदेश के कर्मचारी खुद को नजरअंदाज महसूस कर रहे हैं और यही बात सरकार के प्रति नाराजगी बढ़ा रही है।
मध्य प्रदेश में देरी क्यों हो रही है?
मध्य प्रदेश में चुनावी आचार संहिता लागू होने के कारण पहले DA बढ़ोतरी पर रोक लगी थी। हालांकि, अब सरकार की ओर से वित्त विभाग ने एक बार फिर से चुनाव आयोग को प्रस्ताव भेजा है, लेकिन मुख्य चुनाव अधिकारी कार्यालय को इस पर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है। इससे स्थिति और भी उलझी हुई लग रही है। कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार ने समय रहते जरूरी प्रयास नहीं किए और जानबूझकर देरी की गई।
कर्मचारियों की नाराजगी
प्रदेश के कर्मचारी संगठनों ने इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी साफ तौर पर जताई है। उनका कहना है कि जब दूसरे राज्य चुनाव आयोग से मंजूरी लेकर DA बढ़ा सकते हैं, तो मध्य प्रदेश में ये देरी क्यों? संगठनों का मानना है कि सरकार को इसे प्राथमिकता देनी चाहिए थी ताकि चुनाव से पहले ही कर्मचारियों को राहत मिल जाती। देरी का असर सिर्फ जेब पर नहीं पड़ता, ये मनोबल पर भी असर डालता है।
चुनाव के बाद हो सकता है फैसला
चुनाव परिणाम 3 नवंबर को आने हैं और तब तक नई सरकार बन जाएगी। ऐसे में उम्मीद है कि नई सरकार DA बढ़ोतरी को लेकर फैसला जल्दी लेगी। अगर सब कुछ ठीक रहा, तो दिसंबर तक कर्मचारियों को बढ़ा हुआ DA और जुलाई से नवंबर तक का एरियर मिल सकता है। यानी एकमुश्त अच्छी रकम हाथ में आ सकती है, जिससे त्योहारी सीजन के बाद भी थोड़ी आर्थिक राहत महसूस होगी।
कितना फायदा होगा?
अभी कर्मचारियों को 42% DA मिल रहा है और 4% बढ़ोतरी के बाद ये 46% हो जाएगा। इससे हर महीने करीब ₹600 से ₹5700 तक की बढ़ोतरी होगी, जो कि कर्मचारी की बेसिक सैलरी और ग्रेड पर निर्भर करती है। इसका लाभ प्रदेश के 7 लाख से ज्यादा कर्मचारियों और लगभग 3 लाख पेंशनर्स को मिलेगा। सरकार के खजाने पर इसका असर जरूर पड़ेगा – अनुमान के मुताबिक करीब ₹350 करोड़ का अतिरिक्त बोझ आएगा – लेकिन ये खर्च जरूरी भी है।
क्यों जरूरी है DA बढ़ोतरी?
महंगाई दिन-ब-दिन बढ़ रही है। खाद्य वस्तुएं, दवाइयां, बिजली बिल – सब कुछ महंगा हो रहा है। ऐसे में महंगाई भत्ता एक तरह से कर्मचारियों की क्रयशक्ति को संतुलित करता है। यदि समय पर DA बढ़ोतरी नहीं होती, तो कर्मचारियों की मासिक बजट योजना गड़बड़ा जाती है। यही कारण है कि DA को सैलरी का जरूरी हिस्सा माना जाता है और इसकी टाइमिंग बहुत अहम होती है।
Disclaimer:
यह लेख महंगाई भत्ते से जुड़ी मौजूदा स्थिति को सरल भाषा में समझाने के लिए लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स और सरकारी बयानों पर आधारित है। किसी भी वित्तीय निर्णय से पहले आधिकारिक घोषणाओं और विभागीय निर्देशों को जरूर देखें। यह लेख कानूनी या प्रशासनिक सलाह नहीं है।