EPFO New Rules – अगर आप किसी प्राइवेट या सरकारी संस्था में काम करते हैं और हर महीने आपकी सैलरी से पीएफ की कटौती होती है तो आपको जानकर खुशी होगी कि ये सिर्फ बचत का एक जरिया नहीं बल्कि भविष्य में कई तरह की आर्थिक सुरक्षा भी देता है। बहुत सारे कर्मचारी पीएफ के बारे में बस इतना जानते हैं कि सैलरी से कुछ हिस्सा कटता है और रिटायरमेंट के बाद मिलता है लेकिन सच्चाई यह है कि यह खाता आपके लिए जीवनभर की सुरक्षा लेकर आता है।
बुढ़ापे में पेंशन का भरोसा
हर कर्मचारी की बेसिक सैलरी का कुछ हिस्सा पीएफ खाते में जमा होता है और उतना ही योगदान कंपनी की ओर से भी किया जाता है। इस रकम का एक हिस्सा ईपीएस यानी पेंशन स्कीम में चला जाता है। जब आप 58 साल के हो जाते हैं और आपने कम से कम 10 साल नौकरी की होती है तो आपको हर महीने पेंशन मिलनी शुरू हो जाती है। यह पेंशन आपके बुढ़ापे में आर्थिक सहारा बनती है और जीवन को सहज बनाती है।
नोमिनेशन की सुविधा यानी अपने लोगों को सुरक्षित करना
ईपीएफओ ने अब नोमिनेशन को जरूरी बना दिया है। यानी अगर किसी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है तो उसके द्वारा नामित व्यक्ति को पीएफ की पूरी रकम मिलती है। आप अपने जीवनसाथी या किसी भी करीबी को नॉमिनी बना सकते हैं। इससे ये सुनिश्चित होता है कि आपकी मेहनत की कमाई आपके अपनों तक पहुंचे।
वीपीएफ यानी अपनी मर्जी से ज्यादा बचत
अगर आप चाहते हैं कि आपकी सैलरी का ज्यादा हिस्सा पीएफ में जमा हो तो आप वोलंटरी प्रॉविडेंट फंड का विकल्प चुन सकते हैं। इसमें आप अपनी मर्जी से बेसिक सैलरी का जितना चाहें उतना हिस्सा अतिरिक्त रूप से जमा कर सकते हैं। इसका फायदा यह है कि इसमें भी आपको उसी तरह ब्याज मिलता है जैसे पीएफ में मिलता है।
नौकरी बदलने पर पीएफ का पैसा सुरक्षित रहता है
बहुत से लोग सोचते हैं कि नौकरी बदलने पर पीएफ का क्या होगा। लेकिन सच्चाई यह है कि अब यूनिवर्सल अकाउंट नंबर यानी यूएएन के जरिए आपका पीएफ खाता कहीं भी नौकरी बदलने के बाद भी आपके साथ बना रहता है। आप चाहें तो पुरानी कंपनी के पीएफ को नई कंपनी में ट्रांसफर कर सकते हैं। पैसा निकालने के लिए नौकरी छोड़ने के दो महीने बाद ही आवेदन कर सकते हैं।
पीएफ से आंशिक निकासी की सुविधा
ईपीएफ खाते में जमा पैसा सिर्फ रिटायरमेंट के लिए ही नहीं होता बल्कि आप कुछ खास परिस्थितियों में इसका कुछ हिस्सा निकाल भी सकते हैं। जैसे अगर आपके भाई बहन या बच्चों की शादी है या उनकी पढ़ाई का खर्च है या फिर किसी गंभीर बीमारी का इलाज कराना है तो आप अपने खाते से पैसा निकाल सकते हैं। यहां तक कि अगर आप नया घर खरीदना चाहते हैं या होम लोन चुकाना है तब भी पीएफ से निकासी की सुविधा मिलती है। सात साल तक खाते के सक्रिय रहने के बाद पचास प्रतिशत तक की राशि निकाली जा सकती है।
हर साल मिलता है अच्छा ब्याज
ईपीएफ खाते में जमा रकम पर हर साल ब्याज भी मिलता है और वो भी कंपाउंड इंटरेस्ट के रूप में। इसका मतलब यह हुआ कि आपके द्वारा जमा रकम के साथ साथ उस पर मिलने वाला ब्याज भी बढ़ता जाता है। अभी इस खाते पर आठ दशमलव एक पांच प्रतिशत की दर से ब्याज मिल रहा है जो कि किसी भी सेविंग अकाउंट या एफडी से ज्यादा है।
ईडीएलआई स्कीम से बीमा कवर भी मिलता है
बहुत से लोगों को यह नहीं पता होता कि पीएफ खाता सिर्फ बचत या पेंशन तक सीमित नहीं है। इसके तहत ईडीएलआई यानी इंप्लॉई डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस योजना भी शामिल होती है। इसका मतलब यह है कि अगर किसी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है तो उसके परिवार को कुछ निश्चित रकम बीमा के तौर पर मिलती है। कई कंपनियां अलग से जीवन बीमा नहीं देतीं ऐसे में यह सुविधा काफी मददगार साबित होती है।
ऑनलाइन सुविधा से सब कुछ आसान
आज के समय में ईपीएफओ ने सारी सेवाओं को ऑनलाइन कर दिया है। अब न तो ऑफिस के चक्कर लगाने की जरूरत है और न ही लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। नोमिनेशन करना हो, बैलेंस चेक करना हो, पासबुक डाउनलोड करनी हो या क्लेम करना हो सब कुछ मोबाइल से या वेबसाइट पर किया जा सकता है।
टैक्स में भी मिलती है राहत
ईपीएफ में जमा रकम पर टैक्स छूट मिलती है। आयकर की धारा 80सी के तहत आप एक वित्तीय वर्ष में डेढ़ लाख रुपये तक की रकम पर टैक्स बचा सकते हैं। साथ ही मैच्योरिटी पर मिलने वाली रकम भी टैक्स फ्री होती है अगर आपने पांच साल से ज्यादा नौकरी की हो।
ईपीएफ अकाउंट सिर्फ एक सेविंग स्कीम नहीं है बल्कि यह नौकरीपेशा लोगों के लिए एक मजबूत सामाजिक सुरक्षा का आधार है। यह ना सिर्फ आपकी मेहनत की कमाई को सुरक्षित रखता है बल्कि जरूरत पड़ने पर आर्थिक संकट में बड़ी राहत भी देता है। इसलिए जरूरी है कि आप अपने पीएफ खाते की जानकारी अपडेट रखें, समय समय पर पासबुक चेक करते रहें और ईपीएफ से मिलने वाले हर फायदे का पूरा उपयोग करें।