Income Tax Department – अगर आप सोचते हैं कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपकी कमाई या खर्चों पर नजर नहीं रखता, तो ज़रा रुकिए! अब वक्त आ गया है सतर्क होने का, क्योंकि इनकम टैक्स विभाग अब तेजी से उन लोगों के खिलाफ एक्शन ले रहा है जो गलत तरीके से टैक्स रिफंड पाने की कोशिश कर रहे हैं। जी हां, फर्जी रिफंड क्लेम करने वालों को नोटिस पर नोटिस भेजे जा रहे हैं और ये काम पूरे देश में बड़े स्तर पर किया जा रहा है।
किसे मिल रहा है इनकम टैक्स का नोटिस?
अगर आपने हाल ही में टैक्स रिटर्न फाइल किया है और उसमें ज्यादा रिफंड पाने के लिए फर्जी खर्च या इनकम छिपाई है, तो आप भी लपेटे में आ सकते हैं। खासकर दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट नोटिस भेज रहा है। ऐसे तीन तरह के लोग विभाग के निशाने पर हैं:
- वो टैक्सपेयर्स जिन्होंने झूठा खर्च दिखाया या फर्जी दस्तावेज लगाकर ज्यादा रिफंड मांगा।
- ऐसे चार्टर्ड अकाउंटेंट्स जो लोगों को ग़लत सलाह देकर टैक्स चोरी में मदद करते हैं।
- फर्जी एजेंसियां और दलाल जो आम लोगों से पैसे लेकर झूठे रिफंड क्लेम करवाते हैं।
फर्जी रिफंड क्लेम करने के आम तरीके
- नकली दवाइयों का खर्च दिखाना
- फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट लगाना
- ऐसे निवेश दिखाना जो असल में हुए ही नहीं
- HRA, LTA जैसे डिडक्शन में हेरा-फेरी
- इनकम को छुपाकर कम टैक्स देना
यही नहीं, कुछ लोग तो दूसरों के नाम पर इनकम दिखाकर भी टैक्स से बचने की कोशिश करते हैं। लेकिन अब ऐसा करना आसान नहीं रहा।
अगर पकड़े गए तो क्या होगा?
अगर आप पकड़े गए कि आपने फर्जी रिफंड क्लेम किया है, तो पहले तो आपको वो पूरा पैसा वापस करना होगा जो रिफंड के नाम पर मिला था। इसके साथ ही जुर्माना भी भरना पड़ेगा जो कि छिपाई गई इनकम का 100% से 300% तक हो सकता है। और अगर मामला ज्यादा गंभीर है, तो आयकर विभाग आपको जेल भी भेज सकता है – जी हां, 3 महीने से 7 साल तक की सजा का भी प्रावधान है।
धारा 271(1)(c) और 276C का क्या है रोल?
– धारा 271(1)(c): जानबूझकर इनकम छुपाने या ग़लत जानकारी देने पर भारी जुर्माना
– धारा 276C: टैक्स चोरी के मामले में सीधे जेल और जुर्माना दोनों
मतलब साफ है – टैक्स में गड़बड़ी करने का मतलब है कानूनी मुसीबत को न्योता देना।
कैसे बचे नोटिस से? अपनाएं ये ईमानदार रास्ता
- सही-सही जानकारी दें: टैक्स रिटर्न भरते वक्त अपनी सैलरी, इनकम, खर्च, निवेश सब कुछ ठीक से भरें।
- फर्जी दस्तावेज न लगाएं: कोई भी डिडक्शन तभी क्लेम करें जब असली खर्च हुआ हो और उसका प्रूफ हो।
- विश्वसनीय CA से ही सलाह लें: जो भी आपका ITR फाइल करे, वह अनुभवी और प्रमाणित हो।
- कोई बहुत अच्छा ऑफर आए तो सावधान हो जाएं: “बिना दस्तावेज ज्यादा रिफंड पाएं” जैसी बातें गड़बड़ का संकेत होती हैं।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट कैसे पकड़ता है गड़बड़ी?
आज के डिजिटल जमाने में डिपार्टमेंट के पास सब कुछ है:
- आपके बैंक ट्रांजेक्शन का हिसाब
- निवेश, FD, SIP, म्यूचुअल फंड की जानकारी
- PAN नंबर से जुड़े हर ट्रांजेक्शन का डाटा
- विदेश यात्राएं, ऑनलाइन खर्च, गाड़ी-बंगला की खरीददारी
अगर आपकी इनकम और खर्च में मेल नहीं बैठा, तो आपको फौरन नोटिस मिल सकता है।
कहां से लें सही जानकारी?
अगर आप टैक्स से जुड़ी किसी भी जानकारी को लेकर उलझन में हैं, तो सबसे अच्छा तरीका है कि आप इनकम टैक्स विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं। यहां पर हर नियम, फॉर्म, गाइडलाइंस और FAQ आसानी से मिल जाएगा। आप विभाग के हेल्पलाइन नंबर या स्थानीय इनकम टैक्स ऑफिस से भी मदद ले सकते हैं।
क्या कहता है टैक्स का सिद्धांत?
हर जिम्मेदार नागरिक का यह कर्तव्य है कि वह ईमानदारी से टैक्स भरे, क्योंकि यही पैसा देश के विकास, सड़कों, स्कूलों, अस्पतालों, योजनाओं और सरकारी सेवाओं में खर्च होता है। अगर हम टैक्स चोरी करते हैं, तो हम अपने ही देश का नुकसान कर रहे होते हैं।
“जैसे चोरी करने वाले को पुलिस से डरना पड़ता है, वैसे ही टैक्स चोरी करने वाले को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से डरना चाहिए।”