Minimum Balance Rules – अगर आपका भी बैंक खाता SBI, PNB या HDFC जैसे किसी बड़े बैंक में है, तो ये खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने बैंकों के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं, जो सीधे तौर पर आपके खाते और उसमें रखे पैसे से जुड़े हुए हैं। ये नियम न्यूनतम बैलेंस को लेकर हैं, यानी अब आपको बैंक में कितना बैलेंस रखना होगा, और अगर नहीं रखा तो क्या पेनल्टी लगेगी, इस पर साफ-साफ बात की गई है।
न्यूनतम बैलेंस आखिर होता क्या है?
जब आप किसी बैंक में सेविंग अकाउंट खोलते हैं, तो बैंक की तरफ से एक शर्त होती है कि आपको खाते में कुछ न कुछ न्यूनतम राशि हमेशा बनाए रखनी होगी। इसे ही “मिनिमम बैलेंस” कहा जाता है। अगर यह बैलेंस तय सीमा से कम हो जाता है, तो बैंक आपके ऊपर एक तयशुदा पेनल्टी चार्ज कर सकता है। अब सवाल ये है कि किस बैंक में कितना बैलेंस रखना जरूरी है? आइए जानते हैं।
SBI में न्यूनतम बैलेंस कितना है?
SBI यानी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अब अपने ज्यादातर सेविंग अकाउंट्स में मिनिमम बैलेंस की शर्त खत्म कर दी है। यानी आप चाहे जितना भी बैलेंस रखें, कोई दिक्कत नहीं होगी। और सबसे बड़ी बात, कोई पेनल्टी भी नहीं लगेगी। खासकर छात्रों, बुजुर्गों और गरीब तबके के लिए ये राहत की बात है।
HDFC Bank में क्या हैं नियम?
HDFC बैंक में मामला थोड़ा अलग है। यहाँ अकाउंट होल्डर के रहने के इलाके पर निर्भर करता है कि कितना बैलेंस रखना है।
- मेट्रो और शहरी क्षेत्रों में – ₹10,000
- अर्ध-शहरी क्षेत्रों में – ₹5,000
- ग्रामीण क्षेत्रों में – ₹2,500
अगर आप इससे कम बैलेंस रखते हैं, तो ₹600 तक की पेनल्टी लग सकती है या शॉर्टफॉल का 6% लिया जाएगा – जो भी कम हो।
ICICI बैंक का स्ट्रक्चर
ICICI बैंक भी अपने ग्राहकों से तय सीमा का बैलेंस बनाए रखने को कहता है।
- ग्रामीण क्षेत्र: ₹1,000
- अर्ध-शहरी क्षेत्र: ₹5,000
- मेट्रो/शहरी क्षेत्र: ₹10,000
पेनल्टी की बात करें तो ₹100 + शॉर्टफॉल का 5% चार्ज किया जाता है।
PNB यानी पंजाब नेशनल बैंक में क्या है नियम?
- ग्रामीण क्षेत्र – ₹400
- अर्ध-शहरी क्षेत्र – ₹500
- शहरी क्षेत्र – ₹600
यहां भी अगर बैलेंस कम होता है, तो ₹400 से ₹600 तक की पेनल्टी लगाई जा सकती है।
RBI के नए नियम क्या कहते हैं?
अब सबसे बड़ी बात – RBI ने बैंकों को आदेश दिया है कि वे ग्राहकों को पहले से सूचना दें अगर उनका अकाउंट तय न्यूनतम बैलेंस से कम हो गया है। यानी अब बिना बताये आपके पैसे नहीं काटे जाएंगे। इसके अलावा ग्राहकों को कुछ दिन का समय भी दिया जाएगा ताकि वे बैलेंस सही कर सकें। और सबसे जरूरी बात – पेनल्टी भी अब बैंक की वास्तविक लागत के हिसाब से ही वसूली जाएगी, यानी कोई अनावश्यक चार्ज नहीं लगेगा।
कैसे बचें इन पेनल्टी से?
अब सवाल आता है कि हम इन पेनल्टी से कैसे बच सकते हैं। तो नीचे कुछ आसान टिप्स दिए जा रहे हैं:
- बैंक की शर्तें समझें
हर बैंक का नियम अलग होता है, इसलिए सबसे पहले अपने बैंक की वेबसाइट या ब्रांच से जानकारी लें। - ऑटो फंड ट्रांसफर का इस्तेमाल करें
अगर आपके पास एक से ज्यादा अकाउंट हैं, तो एक अकाउंट से दूसरे में ऑटो ट्रांसफर की सुविधा सेट करें। इससे बैलेंस कभी कम नहीं होगा। - जीरो बैलेंस अकाउंट खोलें
अगर आपको हर महीने बैलेंस बनाए रखना मुश्किल लगता है, तो बैंक का जीरो बैलेंस अकाउंट ऑप्शन चुन सकते हैं। - रेगुलर बैलेंस चेक करते रहें
मोबाइल बैंकिंग या इंटरनेट बैंकिंग के जरिए समय-समय पर बैलेंस चेक करते रहें। - SMS अलर्ट ऑन रखें
हर ट्रांजैक्शन या बैलेंस अलर्ट के लिए SMS सुविधा चालू रखें, ताकि आपको तुरंत पता चल जाए कि बैलेंस कम हो गया है।
ग्राहकों के लिए राहत की बात
अब जब RBI ने खुद बैंकों को नियमों में पारदर्शिता लाने के निर्देश दिए हैं, तो आम ग्राहकों को काफी राहत मिलेगी। पहले बिना बताए चार्ज काट लिए जाते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। आपको पहले सूचित किया जाएगा और सुधार का मौका मिलेगा।
तो दोस्तों, अगर आपका भी अकाउंट SBI, HDFC, PNB या किसी और बैंक में है, तो एक बार मिनिमम बैलेंस की शर्तें जरूर जान लें। छोटे-छोटे बदलाव और सतर्कता से आप बड़ी पेनल्टी से बच सकते हैं। याद रखिए – पैसा कमाना जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी है उसे संभालना भी।