RBI New Rules – आज के समय में जब महंगाई हर किसी की जेब पर भारी पड़ रही है और घर खरीदना एक सपना बना हुआ है, ऐसे में होम लोन की ईएमआई में थोड़ी भी राहत मिल जाए तो यह किसी सौगात से कम नहीं होती है। इसी दिशा में भारतीय रिज़र्व बैंक यानी आरबीआई ने एक बड़ा और राहत भरा कदम उठाया है। आरबीआई के नए नियम से न सिर्फ ईएमआई सस्ती होगी बल्कि लाखों रुपये की बचत भी सुनिश्चित होगी।
क्या है आरबीआई का नया नियम
आरबीआई ने बैंकों को यह निर्देश दिया है कि वे फ्लोटिंग रेट होम लोन यानी बदलती ब्याज दर वाले लोन लेने वालों को पारदर्शी जानकारी दें। यदि बाजार में ब्याज दरें घटती हैं तो लोन लेने वाले ग्राहकों को भी इसका लाभ मिलना चाहिए।
अब बैंक यह नहीं कह सकते कि पुराना ग्राहक पुरानी दर पर ही लोन चुकाएगा। ग्राहकों को नई दर का विकल्प दिया जाएगा और वो भी बिना किसी छुपे शुल्क के।
ग्राहकों को क्या लाभ मिलेगा
इस नियम का सबसे बड़ा फायदा यह है कि ग्राहक अब ऊंची ब्याज दरों में नहीं फंसे रहेंगे।
मान लीजिए किसी ने 2020 में 9 प्रतिशत ब्याज दर पर 30 लाख का होम लोन लिया था, तो उसकी मासिक ईएमआई लगभग 26,992 रुपये बनती है।
अब अगर बाजार में दरें घटकर 7.5 प्रतिशत हो गई हैं और ग्राहक को यह विकल्प मिल जाए तो नई ईएमआई लगभग 24,835 रुपये हो जाएगी।
बचत का गणित
- हर महीने की बचत – ₹2,157
- 20 साल में कुल बचत – ₹5,17,680
यह रकम किसी भी मध्यमवर्गीय परिवार के लिए बहुत मायने रखती है।
बैंकों को क्या करना होगा
आरबीआई ने बैंकों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे ग्राहक को हर छह महीने में ब्याज दर की जानकारी दें।
अगर ग्राहक नई दर पर स्विच करना चाहता है तो उसे सरल ऑनलाइन या ऑफलाइन प्रक्रिया से यह सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
यदि कोई बैंक इस दिशा में पारदर्शिता नहीं बरतेगा तो उस पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
अपने होम लोन की समीक्षा कैसे करें
यदि आपने पहले से होम लोन लिया है तो आप निम्नलिखित कदम उठा सकते हैं –
- बैंक से मौजूदा ब्याज दर की जानकारी लें।
- पता करें कि बाजार में कौन सी दरें चल रही हैं।
- पूछें कि क्या आप नई दर पर स्विच कर सकते हैं।
- यह भी जानें कि इस पर कोई शुल्क तो नहीं लगेगा।
ज़रूरी दस्तावेज़
- लोन अकाउंट स्टेटमेंट
- मूल लोन एग्रीमेंट
- बैंक की वेबसाइट से नई ब्याज दरों की सूची
अगर बैंक सहयोग न करे तो क्या करें
यदि बैंक आपको सहयोग नहीं करता या टालमटोल करता है तो आप निम्नलिखित विकल्प अपना सकते हैं –
- आरबीआई के ग्राहक सेवा पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें।
- बैंकिंग लोकपाल यानी Ombudsman से संपर्क करें।
- अपने लोन को किसी दूसरे बैंक में ट्रांसफर करें जहां ब्याज दर कम हो।
क्या बैलेंस ट्रांसफर है सही विकल्प
अगर आपके लोन की अवधि दस साल या उससे ज्यादा बची है तो होम लोन बैलेंस ट्रांसफर एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
यह प्रक्रिया आपके लिए कई तरह से फायदेमंद हो सकती है जैसे –
- कम ब्याज दर
- मासिक किस्त में कटौती
- बेहतर ग्राहक सेवा
- प्रोसेसिंग फीस में छूट
आरबीआई का यह कदम आम लोगों के लिए एक बड़ी राहत है।यह न सिर्फ पारदर्शिता लाएगा बल्कि ग्राहकों को सस्ती दरों पर लोन चुकाने का अवसर भी देगा। यदि आपने होम लोन लिया है तो अपने बैंक से संपर्क करें और नई ब्याज दरों के बारे में पूछताछ करें।
समय समय पर अपने लोन की समीक्षा करते रहें और अगर जरूरत पड़े तो बैलेंस ट्रांसफर जैसे विकल्पों पर भी विचार करें। याद रखें कि जागरूक ग्राहक ही फायदे में रहता है और फालतू ब्याज चुकाने से बचता है।