क्या वाकई घर आ सकता है रिकवरी एजेंट? जानिए RBI का सख्त नियम RBI Rules

By Prerna Gupta

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RBI Rules – आजकल लोन लेना कोई बड़ी बात नहीं रह गई है। चाहे शादी हो, मेडिकल खर्चा, पढ़ाई या घर बनवाना हो, लोग बैंक से लोन ले लेते हैं और फिर धीरे-धीरे EMI चुकाते हैं। पर कई बार हालात ऐसे बन जाते हैं कि समय पर लोन चुकाना मुश्किल हो जाता है। और तब एंट्री होती है – रिकवरी एजेंट्स की।

रिकवरी एजेंट घर या ऑफिस आ सकते हैं क्या?

हां, रिकवरी एजेंट आपके घर या ऑफिस आ सकते हैं, लेकिन कुछ शर्तों और नियमों के साथ। RBI ने ये स्पष्ट किया है कि वसूली एजेंट्स को भी एक प्रोफेशनल और सम्मानजनक व्यवहार करना जरूरी है।

वे सिर्फ सुबह 8 बजे से शाम 7 बजे के बीच ही आ सकते हैं।
ना तो देर रात, ना सुबह-सुबह और ना ही जबरन ऑफिस में घुस सकते हैं।

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रिकवरी एजेंट्स क्या कर सकते हैं?

  • आपके घर आकर लोन की जानकारी दे सकते हैं।
  • अगर आप इजाजत दें, तो आपके ऑफिस में संपर्क कर सकते हैं।
  • बैंक की तरफ से अधिकृत होना जरूरी है। यानी उनके पास पहचान पत्र, बैंक से मिला अधिकृत पत्र आदि होना चाहिए।

रिकवरी एजेंट्स को क्या करने की इजाजत नहीं है?

  • कोई भी धमकी देना, गाली गलौज या शारीरिक/मानसिक उत्पीड़न करना कानूनन अपराध है।
  • सार्वजनिक रूप से आपकी छवि खराब करना जैसे ऑफिस या मोहल्ले में बता देना कि आपने लोन नहीं चुकाया – ये भी अवैध है।
  • महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों के साथ अभद्रता करना सख्त मना है।

कर्जदारों के अधिकार – जिन्हें जानना बेहद जरूरी है

1. सम्मान से व्यवहार (Right to Fair Treatment)

आपको किसी भी स्थिति में इज्जत के साथ ट्रीट किया जाना चाहिए। डराना-धमकाना, बार-बार फोन करके परेशान करना गैरकानूनी है।

2. निजता का अधिकार (Right to Privacy)

आपके लोन की जानकारी केवल अधिकृत बैंक कर्मचारियों तक सीमित होनी चाहिए। सोशल मीडिया, पड़ोसियों या ऑफिस में आपकी लोन डिटेल्स शेयर करना एक गंभीर अपराध है।

3. शिकायत दर्ज करने का अधिकार (Right to Complain)

अगर कोई एजेंट आपको परेशान करता है, तो आप इन जगहों पर शिकायत कर सकते हैं:

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  • बैंक की ग्रिवेंस सेल में
  • RBI के बैंकिंग लोकपाल पोर्टल पर
  • नजदीकी पुलिस स्टेशन में FIR करके

4. पूर्व सूचना का अधिकार (Right to Notice)

वसूली शुरू करने से पहले बैंक को आपको एक लिखित नोटिस देना जरूरी है जिसमें लोन की राशि, ब्याज, भुगतान की तारीख और जब्ती की चेतावनी साफ-साफ लिखी हो।

अगर रिकवरी एजेंट परेशान करे तो क्या करें?

  1. एजेंट की हर बातचीत का रिकॉर्ड रखें – कॉल रिकॉर्डिंग, मैसेज, मीटिंग आदि।
  2. ईमेल या लेटर के माध्यम से बैंक को शिकायत भेजें और उसका acknowledgment संभाल कर रखें।
  3. अगर मामला बढ़ जाए और धमकी मिलने लगे तो तुरंत FIR कराएं।

RBI ने साफ कहा है कि अगर कोई बैंक या उसका रिकवरी एजेंट इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है या उसे रिकवरी से रोका जा सकता है।

आज भी कुछ एजेंट डराने वाले तरीके अपनाते हैं

भले ही बैंक डिजिटल हो गए हैं, SMS और ऐप्स से EMI रिमाइंडर भेजते हैं, लेकिन कुछ एजेंट आज भी पुराने डरावने तरीके अपनाते हैं। ऐसे में जरूरी है कि कर्जदार खुद अपने अधिकारों के बारे में जागरूक रहें।

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आप अपराधी नहीं हैं। आप बस एक आर्थिक संकट से गुजर रहे इंसान हैं। और भारत का कानून आपकी गरिमा और निजता की सुरक्षा करता है।

अगर आपने लोन लिया है और किसी कारण से उसे चुकाने में देरी हो रही है, तो घबराएं नहीं। रिकवरी एजेंट का काम वसूली करना है, लेकिन उनके लिए भी कानून है। आप भी अपने हक के लिए आवाज उठा सकते हैं।

ध्यान रखें – नियम दोनों के लिए होते हैं – बैंक के लिए भी और कर्जदार के लिए भी।
तो अगली बार जब कोई रिकवरी एजेंट आपके दरवाजे पर दस्तक दे, तो नियमों की जानकारी के साथ बात करें, डरें नहीं।

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