Senior Citizen Train Discounts – भारत में बुज़ुर्गों के लिए ट्रेन यात्रा एक जरूरी हिस्सा होती है। चाहे वो तीर्थ यात्रा पर जाएं या बच्चों से मिलने, ट्रेन उनकी यात्रा का अहम साधन रहती है। पहले, भारतीय रेलवे ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए टिकट में छूट दी थी, जो उन्हें एक राहत का अहसास कराती थी। लेकिन कोविड महामारी के बाद यह छूट बंद कर दी गई थी। अब, सरकार ने 15 मई से एक नया कदम उठाया है और सीनियर सिटीजन को फिर से ट्रेन टिकट पर छूट देने का फैसला किया है, लेकिन कुछ नई शर्तों के साथ। इस लेख में हम जानेंगे कि यह नया नियम क्या है, किसे मिलेगा इसका फायदा, और इसका प्रभाव क्या होगा।
नया नियम क्या है?
15 मई 2025 से भारतीय रेलवे ने सीनियर सिटीजन के लिए ट्रेन टिकट पर छूट फिर से शुरू की है, लेकिन अब यह सभी बुजुर्गों के लिए नहीं है, बल्कि कुछ खास श्रेणियों के लिए ही उपलब्ध होगी।
नई शर्तें:
- छूट केवल जनरल और स्लीपर क्लास में मिलेगी।
- महिला वरिष्ठ नागरिक (जो 60 साल से ऊपर हैं) और पुरुष वरिष्ठ नागरिक (जो 65 साल से ऊपर हैं) को ही यह लाभ मिलेगा।
- छूट का प्रतिशत घटाकर 30% कर दिया गया है (पहले महिलाएं 50% और पुरुष 40% तक छूट प्राप्त करते थे)।
- यह छूट नॉन-एसी डिब्बों में यात्रा करने वालों को ही मिलेगी।
छूट किन लोगों को मिलेगी?
नई छूट के लाभ पाने के लिए कुछ विशेष शर्तों को पूरा करना होगा। यह छूट केवल उन्हीं बुज़ुर्गों को मिलेगी जो निम्नलिखित मापदंडों को पूरा करते हैं:
- बीपीएल (गरीबी रेखा के नीचे) कार्ड धारक।
- सामाजिक पेंशन पाने वाले बुज़ुर्ग (सरकारी पेंशन नहीं, बल्कि समाजिक पेंशन वाले)।
- विधवा महिलाएं जिनकी उम्र 60 साल या उससे अधिक है।
- वृद्ध दिव्यांग, जो यात्रा नहीं कर सकते और सहायक के साथ चलते हैं।
नई छूट की जानकारी – टेबल के माध्यम से
श्रेणी | उम्र सीमा | छूट की दर | किस क्लास में लागू | अतिरिक्त शर्त |
---|---|---|---|---|
महिला वरिष्ठ नागरिक | 60 वर्ष+ | 30% | जनरल, स्लीपर | बीपीएल या सामाजिक पेंशन |
पुरुष वरिष्ठ नागरिक | 65 वर्ष+ | 30% | जनरल, स्लीपर | बीपीएल या सामाजिक पेंशन |
दिव्यांग व्यक्ति | कोई उम्र नहीं | 30% | जनरल, स्लीपर | सहायक के साथ यात्रा |
सरकारी पेंशनर | लागू नहीं | छूट नहीं | लागू नहीं | लाभ नहीं मिलेगा |
पहले और अब में क्या है फर्क?
पुराने नियमों और नए नियमों में बड़ा अंतर आया है। पहले सभी वरिष्ठ नागरिकों को छूट मिलती थी, और वो छूट एसी क्लास (AC 2 Tier, AC 3 Tier) में भी मिलती थी। अब ये छूट सीमित हो गई है, और केवल जनरल और स्लीपर क्लास में ही मिलती है। इसके साथ ही छूट का प्रतिशत भी घटाकर 30% कर दिया गया है, जो पहले महिलाओं के लिए 50% और पुरुषों के लिए 40% था।
सरकार का क्या है तर्क?
रेलवे मंत्रालय का कहना है कि सरकार हर साल इस स्कीम पर हजारों करोड़ रुपये खर्च करती थी। अब, फंड सीमित होने के कारण यह छूट केवल उन्हीं बुज़ुर्गों को दी जाएगी जिनको इसकी सबसे ज्यादा ज़रूरत है। यह एक टार्गेटेड अप्रोच है, जिससे सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि आर्थिक रूप से कमजोर बुज़ुर्गों को ही फायदा मिले।
टिकट कैसे बुक करें – नई प्रक्रिया
अब वरिष्ठ नागरिकों को टिकट बुक करते समय कुछ दस्तावेज़ दिखाने होंगे:
- आधार कार्ड (उम्र प्रमाण के लिए)
- बीपीएल कार्ड या सामाजिक पेंशन प्रमाण पत्र
- IRCTC पर ऑनलाइन टिकट बुक करते समय “Senior Citizen with Concession” ऑप्शन चुनना होगा
क्या यह स्कीम भविष्य में सभी बुज़ुर्गों के लिए खुलेगी?
सरकार ने यह नहीं कहा है कि यह छूट भविष्य में सभी बुज़ुर्गों के लिए लागू होगी या नहीं। लेकिन, यदि यह स्कीम सही ढंग से लागू होती है और फंडिंग की स्थिति सुधरती है, तो संभावना है कि सरकार इस योजना का विस्तार कर सकती है और अन्य बुज़ुर्गों को भी इसका लाभ दे सकती है।
योजना की अहमियत
भारत जैसे देश में, जहां अधिकांश बुज़ुर्ग आर्थिक रूप से निर्भर होते हैं, ट्रेन टिकट में मिलने वाली छूट उनके लिए बड़ी राहत का काम करती है। यह नया नियम भले ही सीमित वर्ग के बुज़ुर्गों को फायदा दे रहा है, लेकिन इसका उद्देश्य केवल ज़रूरतमंदों तक मदद पहुंचाना है। अगर यह योजना पारदर्शिता और ईमानदारी से लागू होती है, तो यह लाखों बुज़ुर्गों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकती है।
इसलिए, यदि आपके परिवार में कोई वरिष्ठ नागरिक हैं जो इन मापदंडों को पूरा करते हैं, तो उन्हें इस नई सुविधा के बारे में जरूर बताएं और उनका टिकट बुक करने में मदद करें।