Women Property Rights – अगर किसी महिला की मृत्यु हो जाती है, तो उसकी संपत्ति का मालिक कौन बनता है? क्या उसका पति, बच्चे, माता-पिता या ससुरालवाले? ये सवाल आज भी लोगों को उलझन में डाल देता है। खासकर जब महिला की खुद की कमाई या उसके नाम जमीन-जायदाद हो, तो परिवार में अकसर विवाद शुरू हो जाता है। ऐसे में ज़रूरी है कि हम इस मुद्दे को कानून के नजरिए से समझें – और वो कानून है Hindu Succession Act, 1956।
तो चलिए, आसान भाषा में समझते हैं कि इस एक्ट के तहत महिला की संपत्ति किसे मिलती है और क्या नियम लागू होते हैं।
सबसे पहले – कौन-सी महिला पर लागू होता है यह कानून?
Hindu Succession Act 1956 सिर्फ हिंदू महिलाओं पर लागू होता है। इसमें सिख, बौद्ध और जैन धर्म की महिलाएं भी शामिल होती हैं। अगर कोई महिला मुसलमान, ईसाई या यहूदी है, तो उनके लिए अलग पर्सनल लॉ होता है।
महिला की संपत्ति कितने प्रकार की हो सकती है?
यहां बात केवल शादी में मिले गहनों या दहेज की नहीं है। महिला की संपत्ति कई तरह की हो सकती है:
- उसकी खुद की कमाई से खरीदी गई संपत्ति
- माता-पिता से मिली हुई पैतृक संपत्ति
- पति या ससुराल से उपहार या वसीयत में मिली हुई संपत्ति
- कोई गिफ्ट, लॉटरी या अन्य सोर्स से मिली रकम
अब सवाल यह है कि अगर महिला की मौत हो जाती है और उसने कोई वसीयत नहीं बनाई है (यानी intestate death), तो उसकी संपत्ति किसे जाएगी?
Hindu Succession Act के मुताबिक महिला की संपत्ति का उत्तराधिकारी कौन होगा?
अगर महिला की मृत्यु बिना वसीयत के होती है, तो उसकी संपत्ति का बंटवारा इस क्रम में होता है:
पहला स्तर: पति, बच्चे और पति की मां
- महिला के पति
- महिला की संतान (बेटा-बेटी, चाहे वह गोद लिया बच्चा ही क्यों न हो)
- महिला के पति की मां (सास)
उदाहरण: अगर महिला की शादीशुदा ज़िंदगी में पति और दो बच्चे हैं, तो तीनों को बराबर-बराबर हिस्सा मिलेगा।
दूसरा स्तर: महिला के ससुर और सास (अगर मां नहीं हैं), देवर/ननद वगैरह नहीं आते इसमें।
तीसरा स्तर: महिला के मायके वाले – माता-पिता
अगर ऊपर बताए गए पहले और दूसरे स्तर पर कोई नहीं है, तो महिला की संपत्ति उसके माता-पिता को मिलती है।
चौथा स्तर: महिला के भाई-बहन (मायके वाले)
अगर मां-बाप भी नहीं हैं, तब यह संपत्ति महिला के भाई-बहनों को मिलेगी।
अगर महिला को संपत्ति मायके से मिली हो?
यह एक स्पेशल केस है। अगर किसी महिला को संपत्ति उसके माता-पिता या पूर्वजों से विरासत में मिली है, और उसकी मौत बिना वसीयत के हो जाती है, तो ये संपत्ति ससुराल वालों को नहीं मिलेगी।
ऐसे में संपत्ति उसके मायके वाले, यानी माता-पिता, भाई-बहन, या उनके उत्तराधिकारी को ही मिलेगी।
अगर महिला ने वसीयत (Will) बनाई हो तो?
अगर महिला ने वसीयत लिख दी है, तो उसकी संपत्ति वही व्यक्ति या लोग पाएंगे जिन्हें उसने वसीयत में नामित किया है – चाहे वो कोई रिश्तेदार हो या नहीं।
क्या बेटी को मां की संपत्ति में बराबर हिस्सा मिलता है?
जी हाँ! Hindu Succession Act 2005 के संशोधन के बाद, बेटियों को भी मां-बाप की संपत्ति में बेटों के बराबर अधिकार मिला है। पहले सिर्फ बेटा ही पैतृक संपत्ति का वारिस माना जाता था, लेकिन अब बेटी भी बराबर की हिस्सेदार है – शादीशुदा हो या नहीं।
कई बार झगड़े क्यों होते हैं?
दरअसल, बहुत से परिवार इस कानून की बारीकियों को नहीं जानते। खासकर अगर महिला की मृत्यु युवावस्था में हो जाती है या कोई प्रॉपर्टी उसके नाम पर होती है, तो ससुराल और मायका – दोनों पक्षों में विवाद हो जाता है। इसलिए ज़रूरी है कि लोग वसीयत बनाना शुरू करें और कानूनी जानकारी रखें।
निष्कर्ष: महिला की संपत्ति पर पहला हक किसका?
- अगर महिला की मृत्यु बिना वसीयत के हुई है, तो सबसे पहले हक है उसके पति, बच्चों और सास का।
- अगर कोई नहीं है, तब हक मायके वालों का होगा।
- अगर संपत्ति मायके से विरासत में मिली है, तो वो केवल मायके को ही जाएगी, ससुराल को नहीं।
Disclaimer:
यह लेख केवल जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी कानूनी निर्णय या प्रॉपर्टी विवाद में आपको कानूनी सलाहकार या वकील से संपर्क करना चाहिए। नियम राज्य के अनुसार अलग-अलग हो सकते हैं।